कानपुर :देश में तीन तलाक पर कानून बनने के बाद मुस्लिम महिलाओं में एक आस जाग उठी थी कि उन्हें अब कोई बेघर और बेसहारा नहीं कर सकेगा. इसके लिए सरकार ने उन्हें लड़ने का एक सहारा दिया है. वहीं तमाम कोशिशों के बावजूद सरकार के नुमाइंदे सरकार के आदेश और तीन तलाक कानूनों की धज्जियां उड़ा रहे हैं. यही वजह है कि एक तीन तलाक पीड़िता न्याय के लिए दर-दर भटक रही है, पर उसकी सुनने वाला कोई नहीं है. मामला कानपुर के कल्यानपुर थाना क्षेत्र का है.
क्या है पूरा मामला
पीड़िता का नाम ताहिरा बानो है. उसके माता-पिता का देहांत पहले ही हो चुका है और वो अपने पागल भाई के साथ घर में अपना जीवन निर्वाह कर रही थी. ताहिरा बानो के रिश्तेदार और पड़ोसियों ने किसी तरह उसकी मदद कर उसकी शादी कानपुर में ही रायपुरवा थाना क्षेत्र में राशिद से एक अच्छा परिवार समझकर कर दी थी. उन्होंने अपनी हैसियत के मुताबिक शादी में दहेज भी दिया था. पर उन्हें क्या पता था कि जिसे वो अच्छा परिवार समझ रहे हैं, दरअसल वो दहेजलोभी हैं. शादी के कुछ ही दिन बाद ही उसके पति राशिद ने उसे दहेज के लिए प्रताड़ित करने लगा और उसे मारने-पीटने लगा.
बच्चे को भी जलाने का किया प्रयास
पीड़िता की मानें तो वो किसी तरह ये सब सहती रही. वहीं उसका एक बच्चा है, जिसको उसके वहशी पति ने जलाने का प्रयास किया. आए दिन वो उसे मारता और पीटता था और दहेज की मांग किया करता था. इतना ही नहीं, उसको बेहोशकर उसका एक वीडियो भी बनाया. जब उसकी सहन शक्ति बिल्कुल खत्म हो गई तो उसने पुलिस से न्याय की गुहार लगाई. पुलिस ने पीड़िता को साथ रखने के लिए राशिद पर दबाव बनाया और वो दोनों फिर साथ रहने लगे. पर कुछ दिन बाद उसके पति ने उसको प्रताड़ित करना शुरू कर दिया और 14 दिसम्बर को उसके साथ मारपीट कर तीन तलाक दे दिया और घर से निकाल दिया.
कहीं नहीं हो रही सुनवाई
पीड़िता अपने बच्चे के साथ रोते-बिलखते अपने पागल भाई के घर आ गई. पीड़िता न्याय के लिए थाने से लेकर DIG तक के चक्कर लगा चुकी है पर उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई. आज भी पीड़िता न्याय के लिए दर-दर भटक रही है पर उसकी सुनने वाला कोई नहीं है. पुलिस इस मामले में पीड़िता को इधर से उधर और उधर से इधर चक्कर लगवा रही है, पर उसको न्याय नहीं दे पा रही है. ऐसे में सवाल उठता है कि यूपी के मुख्यमंत्री महिला सुरक्षा के लाख दावे कर लें पर जिलों में बैठे अधिकारियों की लचर व्यवस्था के आगे सब फेल है.