कानपुर:जब बात वायु प्रदूषण की होती है तो देश के प्रमुख संवेदनशील शहरों में कानपुर का नाम जरूर शामिल रहता है. इसका एक अहम कारण है, वायु गुणवत्ता सूचकांक यानि एयर क्वालिटी इंडेक्स मानक से कई गुना अधिक होता है. हालांकि, यह वायु प्रदूषण बढ़ता क्यों हैं, इसके सटीक कारण क्या हैं, इसे लेकर अब कवायद होगी. शहर के आठ अलग-अलग स्थानों पर एयर क्वालिटी मॉनीटर स्टेशन बनेंगे.
आइआइटी कानपुर के प्रोफेसर एसएन त्रिपाठी ने इसका खाका खींचा है. प्रो.त्रिपाठी ने दशा नाम से प्रोजेक्ट तैयार किया है. इसके तहत इन स्टेशनों पर लगातार छह माह तक वायु प्रदूषण संबंधी आंकड़े जुटाए जाएंगे. फिर देखा जाएगा कि आखिर प्रदूषण की स्थिति बेहतर क्यों नहीं हो रही है. इस पूरे मामले पर मंडलायुक्त डॉ. राजशेखर ने जिलाधिकारी, केडीए वीसी, नगर आयुक्त, प्रभागीय वन अधिकारी, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी समेत कई अन्य अफसरों की टीम गठित कर दी है. उन्होंने बताया कि इस मामले पर शहर से भाजपा सांसद सत्यदेव पचौरी का भी पत्र मिला था. हमारी कोशिश होगी, कि शहर में वायु प्रदूषण की मात्रा को नियंत्रित किया जा सके.
शहर में बढ़ते वायु प्रदूषण के ये हैं मुख्य कारण:
- शहर की औद्योगिक इकाइयों की चिमनियों से निकलने वाला धुआं
- शहर में वाहनों से निकलने वाला धुआं
- जगह-जगह व खुले मैदानों पर जलने वाले कूड़ा से निकलने वाला धुआं
- निर्माण कार्यों के दौरान मानकों का पालन न करना
- अधिक संख्या में पौधारोपण न होना