कानपुर: शहर के परेड चौराहे पर तीन जून को पुलिस के सामने दंगाई बेखौफ होकर गोलियां और बम चला रहे थे. पूरी हिंसा के मास्टरमाइंड हयात जफर हाशमी व तीन अन्य मुख्य आरोपियों से एटीएस, एसटीएफ व आइबी के अफसरों ने 72 घंटों तक पूछताछ की. लेकिन मुख्य आरोपी के चेहरे पर किसी तरह का डर और दहशत नहीं दिखी. हयात जफर हाशमी ने एसआइटी सदस्यों के अधिकतर सवालों के जवाब में खुद को बेगुनाह बताया और कहा कि कई बिल्डरों ने शहर में बवाल कराने की साजिश रची.
हयात ने पुलिस के आला अधिकारियों को यह तक बता दिया कि वह तो हिंसा वाले दिन पुलिस (एसीपी अनवरगंज) व थाना प्रभारी बेकनगंज के लगातार संपर्क में था. ऐसे में अब पुलिस के सामने हयात जफर व तीन अन्य आरोपियों की चार्जशीट तैयार करने में कई तरह की दिक्कतें सामने आ रही हैं. पूरी जानकारी एटीएस के एक आला अफसर ने नाम न छापने की शर्त पर दी. उन्होंने बताया कि हयात साल 2010 में जेल जा चुका है, वह परेड बवाल जैसे कई प्रदर्शनों व हिंसक घटनाओं में शामिल रहा है. इसलिए उसे अच्छे से मालूम था, कि रिमांड के दौरान उससे किस तरह के सवाल होंगे? एटीएस के अधिकारियों ने हयात से कहा, कि उनके पास हिंसा में उसके शामिल होने के साक्ष्य हैं. इसके बावजूद हयात जफर पर कोई फर्क नहीं पड़ा और वह आराम से शहर के बर्रा थाने में बैठा रहा और अपना मनपसंद खाना भी खाया.