कानपुर:आप सभी विवि के छात्र यह संकल्प लीजिए, कि इतने अच्छे से पढ़ना है, शोध करना है कि हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विवि (एचबीटीयू) का नाम वर्ल्ड यानि दुनिया की टॉप-100 यूनिवर्सिटी में शामिल हो सके. क्योंकि पीएम मोदी ने कहा है कि वर्ल्ड की टॉप-100 यूनिवर्सिटी में अब भारतीय विश्वविद्यालयों का नाम आना चाहिए. यह बातें गुरुवार को हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विवि (एचबीटीयू) के चौथे दीक्षा समारोह में अध्यक्षीय उद्बबोधन के राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहीं.
HBTU CONVOCATION: राज्यपल ने कहा, यूनिवर्सिटी को वर्ल्ड की टॉप-100 में शामिल कराने का लें संकल्प
कानपुर स्थित हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विवि (एचबीटीयू) में चौथा दीक्षा समारोह मनाया गया. इस दौरान 600 से अधिक छात्र-छात्राओं को डिग्रियां व पदक दिए गए. वहीं, राज्यपाल ने लोगों को संबोधित किया.
राज्यपाल ने आगे कहा कि अब विवि हों या तकनीकी कॉलेज सभी को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) से अपना मूल्यांकन कराना होगा. विवि व कॉलेजों के अलावा शिक्षकों के लिए भी नैक जरूरी होगा. उन्होंने छात्रों से कहा कि अपनी पढ़ाई पूरी करने के दौरान जब नौकरी करने लगे तो अपने विवि को अपनी पूरी जानकारी ई-मेल से जरूर दें. विवि के पास भी पूर्व छात्रों का पूरा रिकार्ड होना चाहिए. इसी तरह पाठ्यक्रम को लेकर उन्होंने कहा कि अब सभी विवि को हर पांच सालों में अपने पाठ्यक्रम के 30 फीसद हिस्से को बदलना होगा. जिससे सालों पुराने पाठ्यक्रम से छात्रों को निजात मिल सके. कार्यक्रम में प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल ने छात्रों से कहा कि वह खूब मेहनत करें, जिससे उन्हें पढ़ाई को लेकर किसी तरह का तनाव न रहे. वहीं, समारोह के मुख्य अतिथि व बैंक ऑफ बड़ौदा के एमडी डॉ.अनिल खंडेलवाल ने कहा कि हर छात्र के अंदर अपनी पढ़ाई के प्रति जुनून होना चाहिए. वह एक लक्ष्य को तय करें और फिर हर बाधा को पार कर उसे हासिल करें. कार्यक्रम में एचबीटीयू के कुलपति प्रो.शमशेर, डीएम विशाख जी, पुलिस आयुक्त बीपी जोगदंड, रजिस्ट्रार डा.नीरज सिंह, क्षेत्रीय उच्च शिक्षाधिकारी डा.रिपुदमन सिंह समेत कई अन्य प्रशासनिक अफसर मौजूद रहे.
600 से अधिक छात्रों को मिले पदक और डिग्रियां, पीली पगड़ी पहनकर खुश:विवि के दीक्षा समारोह में छात्र जहां सफेद कुर्ता व पायजामा पहने थे, वहीं छात्राएं सफेद सूट में मौजूद थीं. छात्र-छात्राओं ने सिर पर पीली टोपी (पगड़ी) पहन रखी थी. सभी छात्र-छात्राओं के चेहरे पर मुस्कान थी. जैसे ही उन्हें सम्मानित किया गया, तो वह खुशी से झूम उठे.