कानपुर: शिक्षा से सेवा का संदेश देते हुए समाज उत्थान की दिशा में बेहतर कार्य करने की प्रेरणा लें. आपकी डिग्री तभी सार्थक है, जब आप समाज के विकास के लिए काम करेंगे. आप यह संकल्प लें कि जीवन में कभी गलत नहीं करेंगे. आप अपना विकास करने का प्रयास करें, साथ ही दूसरों का भला भी करें. ऐसा कार्य करें, जो दूसरों के लिए अनुकरणीय हो सके. बुधवार को यह बातें सूबे की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) के 37वें दीक्षांत समारोह में छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहीं.
वहीं, समारोह में मुख्य अतिथि परमार्थ निकेतन के परमाध्यध स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि छात्रों को मेडल तो मिल गए, अब उन्हें अपने जीवन का एक ऐसा मॉडल तैयार करना है जो सभी के लिए नजीर बने. विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि 80 फीसद पदक छात्राओं की झोली में पहुंचे हैं, यह दर्शाता है कि वह भी अब हर क्षेत्र में अपने हुनर का परचम लहराना चाहती हैं. वहीं, उच्च शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी ने कहा यहां से डिग्री लेने के बाद जब आप बाहर नौकरी करें, तो अपना लक्ष्य ऐसा तय करें कि जल्द ही दूसरों को नौकरी दे सकें. कार्यक्रम में 59 छात्र-छात्राओं को जहां 91 पदक दिए गए. वहीं 129 छात्र-छात्राओं को पीएचडी की डिग्री दी गई.
चार लाख से अधिक छात्रों को डिजीलाकर से दी गई डिग्रियां: विवि के दीक्षांत समारोह में चार लाख से अधिक छात्रों को डिजीलाकर की मदद से डिग्रियां दी गईं. राज्यपाल ने एक क्लिक किया और एलईडी स्क्रीन पर डिजीलॉ़कर से सभी डिग्रियां जाते हुए छात्र-छात्राओं व आगंतुकों ने सजीव प्रसारण देखा. इसके बाद पूरा सभागार तालियों के शोर से गूंज उठा. कार्यक्रम में पूर्व विधायक सुरेंद्र बहादुर ने विवि को दान के रूप में एक करोड़ रुपये की राशि सौंपी. समारोह के दौरान विश्वविद्यालय परिसर में सेवा उद्यान और अमृत सरोवर के साथ 21 योजनाओं का लोकार्पण/शिलान्यास भी किया गया.