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कानपुर: रीजेंसी हॉस्पिटल ने वसूले 14 लाख, मृतक के परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप

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Published : Sep 8, 2020, 6:08 PM IST

यूपी के कानपुर में एक कोरोना संक्रमित मृतक के परिवार ने रीजेंसी हॉस्पिटल पर मनमानी तरीके से पैसे वसूलने का आरोप लगाया है. पीड़ित परिजनों ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान परिवार ने आरोप लगाते हुए कहा कि अस्पताल ने उनसे इलाज के नाम पर 14 लाख रुपये वसूल किए हैं.

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पीड़ित परिवार ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस.

कानपुर:करोना काल में जिले के गोविंद नगर स्थित रीजेंसी हॉस्पिटल में इलाज के नाम पर मनमानी तरीके से पैसे वसूलने का मामला सामने आया था. इस मामले में सुनवाई न होने पर पीड़ित परिवार ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. स्वरूप नगर निवासी कोरोना संक्रमित मृतक सतीश चंद्र टंडन के परिजनों का आरोप है कि अस्पताल ने उनसे मनमानी करते हुए 14 लाख रुपये वसूल किए हैं. कोरोना संक्रमित मृतक के परिवार द्वारा अस्पताल की शिकायत करने के बाद यह मामला प्रकाश में आया था.

पीड़ित परिवार ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस.

रीजेंसी हॉस्पिटल द्वारा मनमानी तरीके से पैसे वसूलने के इस मामले में आए दिन नए मोड़ आ रहे हैं. मामले में उचित सुनवाई न होने पर पीड़ित परिवार ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई. इस दौरान परिजनों ने मामले की विस्तार से जानकारी दी. साथ ही रीजेंसी अस्पताल पर कई गंभीर आरोप भी लगाए. पीड़ित परिजनों का आरोप है कि कोरोना मरीज सतीश चंद्र टंडन को हॉस्पिटल में 24 दिन एडमिट कर लाखों रुपये की वसूली की गई, जिसके बाद उनकी मौत भी हो गई.

परिजनों ने बताया कि हॉस्पिटल की लापरवाही को लेकर प्रशासनिक अमला शुरुआती दौर पर चिंतित था. मौके पर मजिस्ट्रेट ने टीम भी गठित की है. जांच भी चल रही है. मगर अभी तक न तो कोई जानकारी दी गई है और न ही कोई कार्रवाई हुई है.

कानपुर के रीजेंसी अस्पताल से लगातार ऐसे मामले सामने आ रहे हैं. पीड़ितों का कहना है कि इलाज के नाम पर डॉक्टरों द्वारा लगातार पैसा वसूला जा रहा है. 24 दिन में इलाज के नाम पर 14 लाख रुपये का बिल बना दिया गया. उसके बाद कहा जाता है कि मरीज की मौत हो गई. फिर डेड बॉडी देने के नाम पर बकाया साढ़े तीन लाख रुपये मांगे जाते हैं.

परिजनों का यह भी कहना है कि मरीज खुद चलकर अस्पताल पहुंचा था. उसके बाद पांच दिन से उसकी बॉडी में कोई हलचल नहीं हो रही थी. फिर भी इलाज चलता रहा. बार-बार पूछने पर भी डॉक्टरों ने कोई जवाब नहीं दिया. उनके वाइटल ओर्गंस खराब हो रहे थे, लेकिन परिवार वालों से सिर्फ बिल जमा करने को कहा जा रहा था.

आक्रोशित परिजनों ने मामले पर लीगल तरीके से कार्रवाई करने की बात कही है. साथ ही उनका कहना है कि कोरोना काल में हॉस्पिटल दूसरों से इस तरह की वसूली न कर पाए, इस पर रोक लगाने के लिए जल्द ही कार्रवाई की जानी चाहिए.

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