कानपुर : बिकरु कांड को लेकर शस्त्र लाइसेंस में एक चौकाने वाला खुलासा एक रिटायर्ड सीओ ने किया है. एसआईटी की जांच में अपने लिखित बयान में 82 वर्षीय रिटायर्ड सीओ ब्रजन सिंह ने कुख्यात विकास दुबे के भाई दीपक दुबे के शस्त्र लाइसेंस की सत्यापन रिपोर्ट में अपने हस्ताक्षर को फर्जी बताया है.
एसआईटी ने बिल्हौर सर्किल के 11 सीओ को माना दोषी
बिकरु कांड को लेकर गठित एसआईटी की जांच रिपोर्ट में विकास दुबे के आपराधिक रसूख को बढ़ावा देने में बिल्हौर सर्किल में तैनात रहे 11 क्षेत्राधिकारियों को अपनी जांच में दोषी पाया था, जिसकी जांच एसपी पश्चिम डॉ. अनिल कुमार कर रहे हैं. 1997 में बिल्हौर सर्किल में तैनात रहे सीओ ब्रजन सिंह जो कि अब रिटायर हो गए है उनको कुख्यात विकास दुबे के भाई दीपक दुबे के डबल बैरल बंदूक के शस्त्र लाइसेंस में पुलिस रिपोर्ट लगाने के आरोप में उनकी भूमिका की जांच चल रही है. इसके चलते उन्होंने अपनी सफाई में एसपी पश्चिम के कार्यालय पर लिखित बयान में बताया कि दीपक दुबे के शस्त्र लाइसेंस की सत्यापन को लेकर जो पुलिस रिपोर्ट पर दी गई थी, उस पर उनके हस्ताक्षर नहीं है. लेकिन, उनके हस्ताक्षर से मेल जरूर खाते हैं. साथ ही रिटायर सीओ ब्रजन सिंह ने अपनी 82 वर्षीय उम्र का हवाला देते हुए लिखा कि उनको ज्यादा कुछ याद भी नहीं है.
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किसी जमाने में चलाता था रेडियो और घड़ी की दुकान