कानपुर:कानपुर की बिल्हौर तहसील में झोलाछाप फर्जी डॉक्टरों के सामने प्रशासन बौना पड़ गया है. झोलाछाप डॉक्टर धड़ल्ले से अस्पताल सजाकर चलाने में मस्त है. प्रदेश की योगी सरकार के कोरोना व संक्रमित बीमारियों को फैलने से रोकने के जो दावे हो रहे है वो खोखले साबित हो रहे हैं. वहीं, जिले में सरकार द्वारा करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी स्वास्थ्य सेवाएं नहीं सुधर रही हैं.
जहां स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की अनदेखी के चलते लोगों की जिंदगी झोलाछाप डॉक्टरों के हवाले है. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व पीएचसी में सुविधा न होने के कारण लोग फर्जी चिकित्सकों की शरण में जाने को मजबूर हैं. बिल्हौर कस्बे व आसपास के गांवों में सैकड़ों दुकाने खुली है. यहां नगर के कई ऐसे क्लीनिक है जो बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे हैं तो कई क्लीनिक ऐसे है जिनमें निजी अस्पतालों के एजेंट चिकित्सक बनकर बैठे हुए हैं.
बुखार, पेट दर्द आदि आम बीमारियों की दवा वह अपने पास से देते है और हालात बिगड़ने पर मरीज को निजी अस्पताल भेजकर अस्पताल संचालकों से कमीशन प्राप्त करते हैं. इन कमीशन का भार मरीजों पर ही पड़ता है. इन दिनों यदि बिल्हौर तहसील मुख्यालय के आसपास ही चल रहे अस्पतालों की बात की जाए तो दर्जनों की संख्या में फर्जी व मानकों को ताक पर रखकर अस्पताल, पैथोलॉजी सेंटर, एक्सरे सेंटर संचालित है. जिसमें कई ऐसे हॉस्पिटल है जहां कई मरीजों की जान भी जा चुकी है. क्षेत्र में कई झोलाछाप डॉक्टरों के खराब इलाज से जाने कितने मरीज प्रतिदिन अपनी जान गवां रहे हैं.