उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

कानपुर में पकड़ा गया फर्जी आधार कार्ड का धंधा - फर्जी आईडी कार्ड बनाने का मामला

कानपुर जिले में आधार कार्ड सहित तमाम तरह के फर्जी आईडी कार्ड बनाने का मामला सामने आया है. यह सब एक साइबर कैफे से होता था. वहीं इन आईडी कार्ड के माध्यम से कई सारे सिम भी लिए गए हैं.

फर्जी आधार कार्ड का धंधा
फर्जी आधार कार्ड का धंधा

By

Published : Dec 15, 2020, 5:11 AM IST

कानपुरः चकेरी थाना क्षेत्र में फर्जी आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज तैयार करवाने में आवेदक के पते के साथ खेल करने का खुलासा हुआ है. असम, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल आदि राज्य के कई गांव को कानपुर दिखाकर निवास प्रमाणपत्र बनवाये गए थे. पुलिस ने प्रमाणपत्र के दौरान इस बात का पता लगा लिया है. पुलिस ने फरार चल रहे दिव्यांग सुनील पाल के साइबर कैफे से करीब एक हजार आवेदन पत्र, दो सौ से ज्यादा निवास प्रमाणपत्र, फर्जी आधार कार्ड और परिचय पत्र बरामद किए थे.

असम के स्थान पर कानपुर
पुलिस द्वारा छानबीन करने के दौरान पता चला कि 40 निवास प्रमाणपत्र एक के रजिस्ट्रेशन नंबर पर बने थे. इतना ही नहीं उन पर लिखा हुआ पता भी पूरी तरह से फर्जी निकला है. निवास प्रमाण पत्रो में फर्जी पता अंकित करने के लिए आरोपितों ने असम राज्य के गांव और मुहल्लों को कानपुर में दिखा डाला. इसमें असम के चिरांग जिले के धलीमाओ गांव को कानपुर सदर तहसील के अन्तर्गत दिखाया गया है. इसी तरह छत्तीसगढ़ के जगदलपुर को भी सदर तहसील में दिखाकर निवास प्रमाणपत्र बनवा डाला.

खरीदे जाते थे फर्जी सिम कार्ड
फर्जी आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों के बनाने के बाद उनसे बड़ी संख्या में सिम कार्ड भी खरीदे जाते थे. साइबर कैफे के गिरफ्तार कर्मचारी शैलेन्द्र साहू के मोबाइल फोन से पुलिस को यह अहम जानकारी मिली. आरोपित असम, पश्चिम बंगाल और बिहार के कई नम्बरों पर लगातार बात करता था. पुलिस ने उन नम्बरों का ब्यौरा निकलवाया तो पता लगा कि सभी नम्बर भी फर्जी आईडी लगाकर लिए गए थे.

पुलिस कर रही लोकेशन ट्रेस
पुलिस लगभग 36 मोबाइल नम्बरों की लोकेशन ट्रेस करने की कोशिश कर रही है. पुलिस सूत्रों ने बताया कि आरोपित के फोन में 38 मोबाइल नम्बर असम, पश्चिम बंगाल और बिहार राज्यों के मिले हैं. ये सभी नम्बर फर्जी आईडी पर प्री एक्टिव सिम जारी कराकर हासिल किए गए थे. माना जा रहा है कि ये सभी नम्बर आरोपित के बाहरी राज्यो में मौजूद एजेंटों के हैं.

बाहरी राज्यों के मिले हैं नंबर
पुलिस को कुछ आवेदन पत्रों में बाहरी राज्यों के मोबाइल नंबर भी मिले हैं. थाना प्रभारी ने बताया कि आधार और अन्य दस्तावेजों को बनवाने के दौरान मोबाइल नम्बर लिखना भी अनिवार्य होता है. इसलिए हो सकता है कि आरोपितों ने फर्जी आईडी पर जारी नंबर लिखे हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details