सीएसजेएमयू में होगा अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन. कानपुर : शहर के छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय में 11 व 12 दिसंबर को दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन होगा. इसमें आयरलैंड, नार्वे, डेनमार्क, जर्मनी, यूके, इटली, फिलिपींस समेत दुनिया के कई देशों के विशेषज्ञ सतत शिक्षा पर मंथन करेंगे. विवि को कुछ दिनों पहले ही ए प्लस प्लस ग्रेड मिला है. इसके बाद ही इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है. गुरुवार को विवि के प्रति कुलपति प्रो. सुधीर अवस्थी ने इसकी पुष्टि की. बताया कि सम्मेलन का विषय 'बियॉन्ड एजुकेशन : इम्प्लीमेंटिंग लाइफलॉन्ग लर्निंग इंडिया' रखा गया है.
प्रति कुलपति ने मीडिया को बताया कि एएसईएम एलएलएल हब लाइफलांग लर्निंग पर सबसे महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क है. 51 देश, यूरोपीय संघ और आसियान इसके सदस्य हैं. सम्मेलन के दौरान मुख्य अतिथि के तौर पर उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय भी उपस्थित रहेंगे. एएसईएम अध्यक्ष प्रो. सेमस ओ तुआमा आयरलैंड उद्घाटन व्याख्यान देंगे. उद्घाटन के दौरान एएसईएम एलएलएल हब और सीएसजेएमयू कानपुर के बीच एक एमओयू पर हस्ताक्षर भी किए जाएंगे. इस दौरान डॉ. अंशू यादव, डॉ. अभिषेक मिश्रा, डॉ. विशाल शर्मा आदि मौजूद रहे.
ये एक्सपर्ट रखेंगे अपनी बात : विवि में आईक्यूएसी के निदेशक प्रो. संदीप सिंह ने बताया कि दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान यूनेस्को इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफलॉन्ग लर्निंग, हैम्बर्ग जर्मनी के पूर्व निदेशक प्रोफेसर अर्ने कार्लसन भी दुनिया भर में आजीवन सीखने के कार्यान्वयन के संबंध में अपने अनुभव साझा करने के लिए सम्मेलन में शामिल होंगे. इसके अलावा, डेनमार्क से प्रो. सोरेन एहलर्स, प्रो. बर्जने वाह्लग्रेन और श्री जैकब वांडल भी इस सम्मेलन का हिस्सा रहेंगे. इसके साथ- साथ आयरलैंड, डेनमार्क, नॉर्वे, जर्मनी, यूके, इटली, फिलीपींस सहित दुनिया भर से कई प्रतिनिधि अत्याधुनिक शोध और अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण प्रस्तुत करने आ रहे हैं.
200 से अधिक शोध पत्र आए :विवि के प्रति कुलपति प्रो. सुधीर अवस्थी ने बताया, कि अभी तक हमें 200 से अधिक शोध पत्र प्राप्त हो गए हैं. 11-12 दिसंबर 2023 को ऑन स्पॉट पंजीकरण भी किया जाएगा, इसलिए हम विदेशी विश्वविद्यालयों, केंद्रीय विश्वविद्यालयों और राज्य विश्वविद्यालयों से 300 से अधिक प्रतिभागियों और सीएसजेएम और अन्य विश्वविद्यालयों से 300 से अधिक छात्रों की उम्मीद हम कर रहे हैं. यह सम्मेलन हाइब्रिड मोड पर है, इसलिए डेनमार्क, आयरलैंड, यूरोपीय संघ और भारत के अन्य राज्यों के कुछ प्रतिभागी भी ऑनलाइन मोड के माध्यम से इसमें शामिल होंगे.
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