कानपुर: शहर के जलकल विभाग और नगर निगम के स्कूलों में भी 8 करोड़ रुपये से अधिक राशि का अनियमित भुगतान करने का मामला कैग की रिपोर्ट में सामने आया है. रिपोर्ट के मुताबिक साल 2016-17 में जलकल विभाग में काम करने वाले मीटर निरीक्षक रमाशंकर दीक्षित और राजस्व निरीक्षक पवन कुमार अग्रवाल के वेतन निर्धारण का काम गलत तरीके से किया गया. बकाया वेतन निर्धारण के तहत 2,49,214 रुपये का अधिक भुगतान हुआ. इसी तरह जल संस्थान और कर्मियों के लिए चिकित्सा भत्ते के रूप में कुल अफसरों और कर्मियों को 300 प्रति माह के हिसाब से एक साल में चार लाख 77 हजार रुपये का अधिक भुगतान किया गया. नगर निगम की ओर से संचालित सात इंटर कॉलेजों में भी शिक्षकों और कर्मियों के वेतन भुगतान के मामले में 8.14 करोड़ रुपये का अनियमित भुगतान सामने आया है. अब, नगर निगम के जिम्मेदार अफसर कह रहे हैं कि इन सभी स्कूल संचालकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा. साथ ही भुगतान की वसूली भी होगी.
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कानपुर नगर निगम में 8 करोड़ रुपये का घोटाला, ऐसे हुआ खुलासा
कानपुर नगर निगम के स्कूलों और जलकल विभाग के दस्तावेजों में बड़ी गड़बड़ी मिली है. अधिक राशि का अनियमित भुगतान करने का मामला कैग की रिपोर्ट में सामने आया है.
ऑडिट टीम के सदस्य पहुंचे नगर निगमःदो दिनों से नगर निगम में हड़कंप की स्थिति मची हुई है. अधिकतर अफसर और कर्मी मुख्यालय से बाहर है. दरअसल, दो दिनों पहले ही ऑडिट टीम के सदस्य नगर निगम पहुंचे थे. सदस्यों ने सबसे पहले नगर आयुक्त से मुलाकात की थी. उसके बाद से लगातार नगर निगम में कैग की रिपोर्ट से खुलासे हो रहे हैं. नगर आयुक्त शिव शरणप्पा जीएन ने कहा, कि जहां-जहां अधिक भुगतान या अनियमितता के मामले सामने आ रहे हैं, वहां दोषियों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई होगी. बख्शा किसी को नहीं जाएगा.
जैसे नायब मोहर्रिर को पकड़ा, उसी तरह कई अन्य रडार पर: नगर आयुक्त शिवशरणप्पा जीएन ने बताया कि जिस तरह कुछ दिनों पहले लाखों रुपये का गबन करने वाले नायब मोहर्रिर दीपक यादव को पकड़ा गया, ठीक वैसे ही कई अन्य कर्मी और अफसर रडार पर हैं. जल्द ही सभी के खिलाफ साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई करेंगे.
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