कानपुर:राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NIA) की ओर से तीन दिनों पहले प्रदेश के तमाम शहरों में छापेमारी की गई थी. एनआईए टीम के सदस्यों के पास जो इनपुट था, उसके आधार पर अलग-अलग शहरों के लोगों को उठाया और घंटों तक पूछताछ की. इसी कड़ी में एनआईए की टीम कानपुर पहुंची थी और मूलगंज थाना क्षेत्र स्थित हीरामनपुरवा निवासी डॉ. अबरार व उनके दो बेटों से भी पूछताछ की.
डॉ. अबरार की फाइल फिर से खुलीःभले ही एनआईए की टीम अपनी कवायद कर कुछ घंटों में वापस लौट गई. एटीएस समेत अन्य खुफिया एजेंसियों को पता लगा है कि डॉ. अबरार का कनेक्शन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया से भी रहा है. जिसे देश-दुनिया में प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) संगठन का ही बदला हुआ प्रारूप माना जाता है. एटीएस अफसरों के मुताबिक डॉ. अबरार यूनानी चिकित्सा के चिकित्सक हैं और उन्होंने अलीगढ़ में अपनी पढ़ाई पूरी की थी, जहां वह सिमी से जुड़े रहे. डॉ. अबरार पर पीएफआई संगठन पर फंडिंग का आरोप भी लगा था. एनआईए की पूछताछ से पहले शहर में साल 2001 में जब नई सड़क पर हिंसा हुई थी और उसमें एक प्रशानिक अफसर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में भी डॉ. अबरार से पूछताछ की जा चुकी है. अब, स्थानीय स्तर पर व एलआईयू अफसरों की टीम ने एक बार फिर से डॉ. अबरार की फाइल खोल ली है. उनकी गतिविधियों को देखा जा रहा है और जानकारियां जुटाने में भी पुलिस लग गई है.
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