कानपुर: महानगर में जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की सार्वजनिक सेवाओं में सुधार के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं. 7 अपर नगर मजिस्ट्रेट और एक अपर जिला मजिस्ट्रेट की टीम ने पिछले 2 हफ्ते से मौके का दौरा करके विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है. इसके आधार पर प्रशासन, सेवाओं में सुधार और जहां भी आवश्यक हो, उचित कार्रवाई करने के लिए आवश्यक कदम उठा रहा है. कानपुर के कमिश्नर डॉ. राजशेखर ने मेडिकल कॉलेज के आपातकालीन विभाग का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान मेडिकल कॉलेज के फार्मासिस्ट को लापरवाही बरतने के चलते फौरन निलंबन करने के आदेश भी दिए . मंडल आयुक्त के आदेश के बाद फार्मासिस्ट को तत्काल रूप से निलंबित कर दिया गया.
निरीक्षण करते मंडलायुक्त. बता दें कि कानपुर के मेडिकल कॉलेज में कई दिनों से अनियमितता की शिकायत मिल रही थी, जिसको प्रशासन ने गंभीरता से लिया है. इसके लिए 2 हफ्ते पहले एक टीम भी बनाई गई थी, जो इसकी जांच कर रही थी. उसने जो कारण बताए, उसके आधार पर अब मंडलायुक्त ने कार्रवाई की है. मंडलायुक्त ने तत्काल रूप से कॉलेज के फार्मासिस्ट को निलंबित कर दिया है तो वहीं सख्त दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं.
निरीक्षण करते मंडलायुक्त. नहीं मिले डॉक्टर
मंडलायुक्त को निरीक्षण में कई खामियां मिलीं. आपातकालीन विभाग में डॉक्टर नहीं मिले, वहीं डयूटी पर तैनात जूनियर डॉक्टर की सूची भी उपलब्ध नहीं हुई. डॉक्टरों ने अपने एप्रिन नहीं पहने हुए थे और अपनी नेम प्लेट भी नहीं लगाई हुई थी. आपातकालीन विभाग के रजिस्टर पर हस्ताक्षर भी नहीं पाए गए. वहीं डॉक्टरों द्वारा दिए जा रहे प्रिस्क्रिप्शन में भी कई खामियां देखने को मिली. यह उचित लेटर पैड या उचित प्रारूप में नहीं दिया जा रहा था, पर्ची पर लिखकर दिया जा रहा था, जिसमें न तो कोई हस्ताक्षर थे, न डॉक्टरों का नाम था और न ही तारीख थी.
निरीक्षण करते मंडलायुक्त. आयुक्त ने दिए सख्त दिशा निर्देश आयुक्त ने इन सब मुद्दों को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं और यह सुनिश्चित करने का निर्देश भी दिया है कि सभी कर्मचारी अपनी वर्दी और अपना आईडी कार्ड पहनें और अपने नाम के बैच को प्रमुखता से प्रदर्शित करें, ताकि मरीज या परिचारक डॉक्टरों और नर्सों की पहचान कर सकें. इस प्रकार उक्त स्टॉप सही ढंग से उन बिचौलियों को रोकने में भी मदद करेगा, जो रोगी के तीमारदारों का शोषण करने की कोशिश करते हैं. आयुक्त ने उपरोक्त निर्देशों के अनुपालन के लिए अस्पताल प्रशासन को 1 हफ्ते का समय दिया है.
निरीक्षण करते मंडलायुक्त. समिति से 3 दिन में मांगी रिपोर्ट वहीं आयुक्त ने समिति जो रेमडेसिविर इंजेक्शन के दुरुपयोग के मुद्दे की जांच करने के लिए गठित की गई थी, उसको विवरण की जांच करने और अगले 3 दिनों में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है. ताकि उसके अनुसार आवश्यक कार्रवाई की जा सके.
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4 सदस्यीय समिति का किया गठन
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में अपनाई जाने वाली दवा वितरण प्रणाली में कई मुद्दे और समस्याएं भी हैं. इन मुद्दों के कारणों की पहचान करने और दवा वितरण प्रणाली में सुधार के लिए आवश्यक कदम सुलझाने और दबाव और उपभोग सामग्रियों के दुरुपयोग को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए आयुक्त ने एक समिति का गठन भी किया है, जिसमें एडी हेल्थ डॉ. डीके मिश्रा, सीडीओ डॉक्टर महेंद्र कुमार, अतिरिक्त DCP डॉक्टर अनिल कुमार और प्रिंसिपल जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज शामिल हैं. यह समिति अगले 2 सप्ताह में अपनी विस्तृत रिपोर्ट और सुझाव देगी. फिर उसके अनुसार कदम उठाए जाएंगे.