कानपुर: शहर के बर्रा चौराहे पर स्थित यादव मार्केट चौकी में तैनात 14 पुलिसकर्मियों को मंगलवार की देर रात लाइन हाजिर किया गया है. इन पुलिसकर्मियों को शहर के बर्रा स्थित एक मकान में कब्जे के मामले में जांच में दोषी पाया गया है. एडीसीपी साउथ मनीष सोनकर की रिपोर्ट के बाद डीसीपी साउथ रवीना त्यागी ने यह कार्रवाई की है.
मामले में साउथ एडीसीपी मनीष सोनकर ने बताया कि एक दलित व्यक्ति महादेव ने अपनी कॉलोनी के लिए उमराव नाम के व्यक्ति से 35 लाख रुपये में सौदा तय किया था. इसमे से 10 लाख रुपये देकर उसने कॉलोनी की रजिस्ट्री अपने नाम करवा ली. बाकी के 25 लाख रुपये देने से पहले पैसा बाकी होने की बात छिपाकर उमराव ने धोखाधड़ी से जमीन कब्जे के लिए कोर्ट से आदेश करा लिया.
इन पुसिलकर्मियों पर हुई कार्रवाई यह भी पढ़ें-कुशीनगर में टॉफी खाने से 4 बच्चों की मौत, सीएम योगी ने दिए जांच के आदेश
इसके बाद पुलिस ने कॉलोनी में उमराव को कब्जा दे दिया और महादेव को घर से बाहर निकाल दिया. मामले में पीड़ित महादेव शिकायत लेकर पुलिस के पास पहुंचा तो पुलिस ने उल्टा महादेव के ऊपर झूठा मुकदमा दर्ज कर दिया. इसकी शिकायत लेकर पीड़ित महादेव डीसीपी साउथ रवीना त्यागी के पास पहुंचा. मामले की जांच डीसीपी साउथ ने एडीसीपी साउथ मनीष सोनकर को सौंप दी. इसके बाद एडीसीपी की जांच में पुलिसकर्मी दोषी पाए गए. इसका संज्ञान लेते हुए डीसीपी साउथ रवीना त्यागी ने कार्रवाई करते हुए 14 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया.
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