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कानपुर देहात: लॉकडाउन में भूखे सो रहे मजदूर, प्रदेश सरकार का दावा फेल

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Published : Mar 27, 2020, 6:51 PM IST

उत्तर प्रदेश के कानपुर में लॉकडाउन के दौरान मजदूरों के घरों में जा कर जब ETV भारत ने खाद्य पदार्थों के इंतजाम का रियलिटी चेक किया तो प्रदेश सरकार के दावे फेल होते दिखाई दिए. मजदूरों के यहां बच्चे भूखे ही सो रहे हैं.

लॉकडाउन से मजदूर परेशान
भूख से तड़प रहे है गरीब परिवार के बच्चे.

कानपुर:कोरोना वायरस की मार से परेशान होकर पूरे देश में लॉकडाउन किया गया है. इसको लेकर सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने सभी जनपदों के जिला अधिकारियों को आदेश दिया है कि कोई भी भूखा न रहे, लेकिन जब ETV भारत की टीम ने रियलिटी चेक किया तो पता चला कि लॉकडाउन के बाद अब जनपद में मजदूरों की भूखडाउन भी तेजी से चालू हो गई है. एक मां अपने छोटे-छोटे बच्चों को खाने की जगह मार-पीटकर सुला दे रही है.

भूख से तड़प रहे गरीब परिवारों के बच्चे.
भूख से तड़प रहे गरीब परिवारों के बच्चे
जनपद कानपुर देहात के अकबरपुर क्षेत्र में लॉकडाउन चालू है. पुलिस हर मोहल्ले घूम-घूमकर लोगों को घरों में रहने की हिदायत दे रही है. जो नहीं मान रहे हैं, उन पर मुकदमा दर्ज किया जा रहा है, लेकिन ऐसे में गरीब मजबूर परिवारों को गुड़ खाकर और पानी पीकर दिन बिताना पड़ रहा है. वहीं पर छोटे-छोटे बच्चे भूख से जब तड़प उठते हैं तो कहते हैं खाना दे दो, लेकिन मजबूर मां उन बच्चों को खाने की जगह मार-पीटकर सुला दे रही है, क्योंकि न तो इनकी कोई सुध लेने वाला है और न ही जानकारी करने वाला.
सरकार के किए गए दावों की पड़ताल ETV भारत की टीम ने गरीबों के पास जाकर की तो पता चला कि लॉकडाउन के दौरान मजबूरों की भूखडाउन भी तेजी से चालू हो गई है, जिनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. भूखे परिवार के लगों ने कहा कि क्या करें साहब जब बच्चे खाना मांगते हैं तो उन्हें गुड़ और पानी पिलाकर सुला देते हैं, लेकिन जब ज्यादा जिद करते हैं तो उन्हें पीटकर सुला देते हैं. क्या करें सब बंद है खाने को कुछ नहीं है और कोई भी सुध लेने वाला या मेरे बच्चों का पेट भरने वाला नहीं है.

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