कानपुर: जिले में साइबर ठगी के मामले बढ़ते जा रहे हैं. जालसाज लोगों की मेहनत की कमाई को पलक झपकते ही साफ कर दे रहे हैं. साइबर ठगी के शिकार का ताजा मामला ट्रैफिक पुलिस के सिपाही का है. जालसाजों ने एक एप्लिकेशन डाउनलोड करा कर सिपाही के खाते से दो लाख 25 हजार रुपये की रकम को चूना लगा दिया. सिपाही की सूचना पर साइबर सेल की टीम ने कार्रवाई करते हुए झारखंड के रहने वाले पिता-पुत्र पर आरोप पत्र दाखिल किया है. सिपाही के साथ हुई हाई प्रोफाइल ठगी में शामिल जालसाजों की तलाश में बैंक से मिले उनके पते पर नोटिस भी तामील कराया गया है.
साइबर ठगी का शिकार हुआ ट्रैफिक पुलिस सिपाही
उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में सिपाही के साथ साइबर ठगी का मामला सामने आया है. जालसाजों ने ट्रैफिक पुलिस में तैनात सिपाही के खाते से दो लाख 25 हजार रुपये पार कर दिए. साइबर सेल ने मामले पर कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है.
ऐसे हुई साइबर ठगी
कानपुर में ट्रैफिक पुलिस में तैनात कांस्टेबल मुकेश कुमार ने 4 जनवरी को गलती से फोन-पे के माध्यम से किसी व्यक्ति के खाते में 50 हजार रुपये भेज दिए थे. उन्होंने अपनी रकम वापसी के लिए ऑनलाइन सर्च करके फोन-पे के कस्टमर केयर के नंबर पर कॉल करके अपनी समस्या बताई. कस्टमर केयर कर्मचारी ने मुकेश कुमार से अपने स्मार्टफोन में प्लेस्टोर से एनी डेस्क ऐप को फौरन डाऊनलोड करने को कहा. सिपाही ने जब ऐप को डाऊनलोड किया तो उनके खाते से 2 लाख 25 हजार रुपये की रकम निकल गई. परेशान सिपाही ने साइबर थाने में तहरीर देकर एफआईआर दर्ज कराई थी.
साइबर सेल ने की चार्जशीट दाखिल
मुकदमा दर्ज होने के बाद आईजी मोहित अग्रवाल के निर्देश पर साइबर सेल की पुलिस ने जांच-पड़ताल कर पीड़ित सिपाही मुकेश कुमार के खाते से जिन बैंक एकाउंट में रकम स्थानांतरित की गई थी, उन खाते दारों के नाम और पते पर नोटिस भेज दिया था. पूरे मामले पर झारखंड के देवघर जनपद के रहने वाले पिता कार्तिक मंडल व उसके पुत्र अजय मंडल ने कानपुर के साइबर थाने में आकर अपने बयान दर्ज कराए थे. साइबर थाने के इंचार्ज जगदीश यादव के अनुसार पुलिस ने पिता-पुत्र के खाते से 40 हजार रुपये की रकम बरामद कर ली थी. पुलिस इस ठगी के मामले में आरोपी पिता-पुत्र के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है.