कानपुर: कुछ महीने पहले पीएम मोदी और सीएम योगी ने शहर के सीसामऊ नाले को देखा था. उन्होंने अफसरों को आदेश दिया था कि इसे पूरी तरह टैप कर दें. उन्होंने यह भी कहा था कि इसका दूषित उत्प्रवाह गंगा में नहीं गिरना चाहिए. पीएम ने कहा था कि गंगा का जल इतना स्वच्छ कर दीजिए कि वह आचमन लायक हो जाए. लेकिन कानपुर में जल निगम के अफसर किसी की नहीं सुनते. चाहे वह पीएम हों या सीएम.
विभाग की लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक शहर के कुल 16 छोटे-बड़े नालों में पांच नालों का पानी अब भी गंगा में जा रहा है. यानी सालों की कवायद और नमामि गंगे परियोजना के तहत करोड़ों पानी की तरह बहाने के बावजूद गंगा में शहर के नालों से जहर घुल रहा है. वहीं, विभागीय अफसर इस पूरे मामले पर किसी तरह का कोई ठोस जवाब नहीं दे रहे हैं.
सीसामऊ नाले को टैप करने में बहा दिए 63 करोड़ रुपये :जल निगम की रिपोर्ट के मुताबिक सीसामऊ नाले से करीब 140 करोड़ लीटर दूषित पानी गंगा में गिर रहा था. इस नाले को टैप करने के लिए विभाग ने 63 करोड़ खर्च किए. वर्रतमान समय में विभागीय अफसर यह दावा करते हैं कि सीसामऊ नाला टैप है. नाले का पानी और सिल्ट गंगा में साफ गिरते देखी जा सकती है. कुछ दिनों पहले मंडलायुक्त डॉ. राजशेखर ने भी इस बात को स्वीकारा था कि गंगा में सीसामऊ नाले का पानी जा रहा है.