कानपुर:कुछ दिनों पहले केस्को के खाते से करीब 1.48 करोड़ रुपये की रकम अचानक गायब हो गई थी. इस मामले में अधिकारियों ने निजी बैंक के प्रबंधक समेत कई कर्मियों पर एफआईआर दर्ज कराई थी. वहीं, दूसरी ओर निजी बैंक के प्रबंधक की ओर से रुपये गायब होने की एफआईआर दर्ज कराई गई थी. इस मामले में संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था ने खुलासे के लिए साइबर सेल की 4 टीमों का गठन किया था. बुधवार को पुलिस ने खुलासा कर 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर कानूनी कार्रवाई की है.
1500 से अधिक उपभोक्ताओं की जमा राशि गायबःएडीसीपी अपराध मनीष सोनकर ने बताया कि केस्को के अधिकारियों द्वारा बिजली बिल की जमा राशि का हिसाब देखा जा रहा था. इस दौरान अधिकारियों को पता चला कि 18 जून से लेकर 16 जुलाई तक करीब 1500 से अधिक उपभोक्ताओं द्वारा जमा की गई बिल की राशि लगभग 1.68 रुपये खाते से गायब हो चुकी है. जानकारी होने के बाद केस्को के अधिकारियों ने निजी बैंक के प्रबंधन के खिलाफ ग्वालटोली थाना में मुकदमा दर्ज कराया था. पुलिस को दी शिकायत में बताया गया था कि 18 जून से 23 जून के बीच केस्को के 679 उपभोक्ताओं के करीब 44.92 लाख रुपये पहले से गायब हो गए हैं. इसी तरह फिर 1 जुलाई से 16 जुलाई के बीच 1,102 उपभोक्ताओं के लगभग 1.03 करोड़ रुपये खाते से फिर गायब हो गए हैं.
केस्को के पेमेंट गेटवे से छेड़छाड़:एडीसीपी ने बताया कि केस्को के अधिकारियों की तरफ से एक निजी बैंक के प्रबंधन के ऊपर पैसे गबन करने का मामला तो दर्ज कर लिया गया. जबकि केस्को से पहले निजी बैंक के प्रबंधन द्वारा पैसे गबन का मामला दर्ज कराया गया था. इस मामले का खुलासे के लिए संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था ने साइबर सेल की 4 टीमों का गठन किया था. बुधवार को पुलिस ने बागपत के रहने वाले मुख्य सरगना ठेकेदार विवेक शर्मा को गिरफ्तार कर लिया. उसने केस्को इलेक्ट्रानिक्स के नाम पर 22 अलग-अलग खाते खुलवाकर सारी रकम इसी में भेजी थी. इसके लिए विवेक ने केस्को के पेमेंट गेटवे से भी छेड़छाड़ भी की थी.