कानपुर: वैसे तो खाकी का काम होता है अपराधी को पकड़ना और जेल भेज देना. लेकिन एक अपराधी को ही लेकर दो थाना प्रभारियों में ऐसी रार छिड़ गई कि डीसीपी स्तर से जांच के आदेश दे दिए गए हैं. दरअसल, सोमवार देर रात दो अपराधी गांजा बेचने के लिए शहर के गंगा बैराज पर पहुंचे थे. जब पुलिस को सूचना मिली तो संबंधित थाने के प्रभारी ने पुलिसकर्मियों को आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए भेजा.
संबंधित थाना प्रभारी की टीम ने जब गुजैनी निवासी सौरभ और काकादेव निवासी विनोद को पकड़ा तो इनके मोबाइल से जो साक्ष्य सामने आए, उसमें उस थाना प्रभारी की बातचीत थी. जिस थाना क्षेत्र में आरोपी रहने वाले थे. मामला वैसे तो यहीं खत्म हो सकता था. लेकिन, आरोपियों के पकड़े जाने के बाद आरोपियों के परिजन उस थाने में पहुंच गए जहां उनका क्षेत्र लगता था. परिजनों ने थाना प्रभारी को आरोपियों के अपहरण किए जाने और उनसे लाखों रुपये की मांग करने का प्रार्थना पत्र सौंप मदद की गुहार लगा दी.
फिर क्या था, एक थाना प्रभारी ने दूसरे थाना प्रभारी को फोन किया और इस मामले में जानकारी हासिल करनी चाही. मगर, एक थाना प्रभारी का आरोप है कि दूसरे थाना प्रभारी के संज्ञान में था कि आरोपी गांजा बेचने जा रहे हैं. जब आरोपियों को पकड़ लिया गया, तो संबंधित ने धमकी दी और कहा अपहरण के संदर्भ में मुकदमा लिखकर नाप दूंगा... फिलहाल, कानपुर के पुलिस महकमे में यह मामला बहुत अधिक चर्चा में है और इस पर तरह-तरह के कयासों का दौर जारी है. पूरे मामले पर काकादेव थाना प्रभारी विनय शर्मा ने कहा कि वह जांच में सारे साक्ष्य मुहैया करा देंगे. जबकि नवाबगंज थाना प्रभारी रोहित तिवारी ने कहा कि वह भी जांच के लिए पूरी तरह से तैयार हैं.