कानपुर:रंगो के त्योहार होली की धूम देशभर में है. 9 मार्च यानी आज होलिका दहन के साथ होली पर्व की शुरुआत हो गई. पूरे देश भर में होलिका दहन किया जाएगा. वहीं कानपुर में एक अनोखा होलिका दहन हो रहा है. कानपुर के लाटूश रोड पर सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश करता यह होलिका दहन 40 सालों से किया जा रहा है. यहां रहने वाले मोहम्मद अली 40 वर्षों से होलिका दहन करते आ रहे हैं.
इस बार की होली में जलेगा कोरोना वायरस
कानपुर के लाटूश रोड के रहने वाले मोहम्मद अली 70 साल की उम्र में भी होलिका दहन कर रहे हैं. वह सिर्फ त्योहार के रूप में नहीं बल्कि एक जागरूकता के रूप में भी लोगों को होलिका दहन के माध्यम से हर साल तरह-तरह की समस्याओं को खत्म करने का आह्वान करते हैं. इस बार की होली और खास इसलिए है क्योंकि इस बार अली की होली में कोरोना वायरस जलेगा.
सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश करती कानपुर की होलिका, इस बार होगा 'कोरोना वायरस' का दहन - कोरोना वायरस
उत्तर प्रदेश के कानपुर में सोमवार को होलिका दहन किया जाएगा. कानपुर में 40 वर्षों से मोहम्मद अली होलिका दहन मनाते आ रहे हैं. उनका कहना है कि होलिका दहन भाईचारे का पैगाम देने के साथ देश के दुश्मन को होली की आग में जला देना है.
40 सालों से मोहम्मद अली मना रहे होलिका दहन
पिछले 40 सालों से लाटूश रोड पर सुहाग की होलिका सजाते आ रहे हैं. मोहम्मद अली के इस काम में क्षेत्रीय लोग उनकी मदद करते हैं. हिंदू मुस्लिम के प्रेम में रंगी मोहम्मद अली की होलिका को देखने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं. कई बार शहर का माहौल खराब हुआ लेकिन उनका होलिका दहन कभी बंद नहीं हुआ. खास बात यह है कि इसमें दोनों धर्म के लोग एक साथ अपना सहयोग देते हैं.
होलिका सजाने का मकसद लोगों को मोहब्बत और भाईचारे का पैगाम देने के साथ देश के किसी एक दुश्मन को होली की आग में जला देना है. इस बार पूरे विश्व में फैले कोरोना वायरस को समाप्त करने के लिए होलिका दहन किया जा रहा है. इस होलिका दहन के माध्यम से लोगों को साफ सफाई के लिए जागरूक करने के लिए इसका प्रयोग किया जा रहा है.
-मोहम्मद अली, आयोजक