कानपुर: जिले के कल्याणपुर थाना क्षेत्र में बच्चे के साथ नौकरानी की बर्बरता से पिटाई का मामला सामने आने के बाद एक ओर जहां माता -पिता असमंजस में हैं कि कैसे नौकरी करें तो वहीं दूसरी ओर अपने जिगर के टुकड़े की चिंता भी सताती है. कैसे दोनों कामों में तालमेल बिठाया जाए, इस संवेदनशील और गंभीर मुद्दे पर ईटीवी भारत से खास बातचीत की मनोचिकित्सक डॉ. अनुराधा ने, जो खुद एक मां के साथ वर्किंग लेडी भी हैं, जो अपने बच्चों को मेड के सहारे छोड़ कर जाती भी हैं.
ईटीवी भारत से बातचीत में डॉ. अनुराधा ने बताया कि अक्सर ऐसे मामले सामने आते हैं, जिसमें नौकरानी मासूम बच्चों के साथ बर्बरता करती है. मनोवैज्ञानिक पहलू से अगर इस घटनाक्रम को देखा जाए तो ऐसे मासूम बच्चों की साइकोलॉजी पर बहुत बुरा असर पड़ता है. एक तो वह दब्बू होने लगते हैं. इतना ही नहीं, उनको डर भी सताने लगता है और उनका मानसिक और शारीरिक विकास भी प्रभावित होता है, जिससे बच्चों की मनोदशा पर खासा बुरा असर देखने को मिलता है. ऐसे में परिजनों को नौकरानी रखने से पहले उसका पुलिस वेरिफिकेशन के साथ साइकोलॉजिकल टेस्ट करने की जरूरत है.