कानपुर: काशी के नमो घाट के बाद अब कानपुर में नमो वन तैयार किया गया है. कई खूबियों वाला यह वन न केवल शहर का प्रदूषण घटाएगा बल्कि लोगों को जागरूकता का संदेश भी देगा.
कानपुर के विजय नगर चौराहे से जब हम अर्मापुर की ओर कालपी रोड पर आगे की दिशा में बढ़ते हैं, तो लगभग 500 मीटर चलने पर दायीं ओर हरे-भरे पौधों की संख्या ध्यान खींचने लगती है. इस जगह को नाम दिया गया है, नमो वन. एक लाख से अधिक पौधों वाले इस वन का उद्घाटन सूबे की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल रविवार को करेंगी. उनके आगमन को देखते हुए शनिवार को जिले के प्रशासनिक अफसरों ने सारी तैयारियां पूरी कर लीं.
जानकारी देतीं महापौर प्रमिला पांडेय. बहुत जल्द लोग परिवार के आनंद घूमने जा सकेंगे: वैसे तो शहर में गंगा बैराज, बिठूर, जेके मंदिर, मोतीझील समेत कई अन्य रमणीय स्थल हैं, जहां लोग परिवार के साथ घूमने जाते हैं. हालांकि, अब जल्द ही वह इस नमो वन की खूबसूरती से रूबरू हो सकेंगे. शहर की महापौर प्रमिला पांडेय ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि इस नमो वन की परिकल्पना पीएम मोदी व सीएम योगी द्वारा तैयार की गई थी. जिसे शहर के प्रशासनिक अफसरों ने क्रियान्वित कर दिया. इस नमो वन में एक लाख से अधिक पौधे जापान की मियावाकी पद्धति से रोपे गए हैं. यह वन देखने में बेहद खूबसूरत है.
ये है मियावाकी पद्धति: वन विभाग के अफसरों ने बताया कि मियावाकी पद्धति के तहत एक फीट में तीन पौधों को एक साथ रोपा जाता है. ऐसे में कम स्पेस में अधिक से अधिक पौधों को रोपा जा सकता है. इससे उनके सूखने का डर भी कम हो जाता है.
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