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भारत में पहली बार होगा 2 साल के बच्चों पर कोवैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल - बच्चों का टीकाकरण 

यूपी के कानपुर में बच्चों पर कोवैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल शुरू हो गया है. अब तक 27 बच्चों को वैक्सीन की पहली डोज दी गई है. वैक्सीन ट्रायल के चीफ इन्वेस्टिगेटर पूर्व डीजीएमई डॉ. बी एन त्रिपाठी ने कहा 2 साल के बच्चों पर भी कोवैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल करने की तैयारी है.

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वैक्सीन ट्रायल के चीफ इन्वेस्टिगेटर पूर्व डीजीएमई डॉ. बी एन त्रिपाठी.

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Published : Jun 10, 2021, 5:19 PM IST

Updated : Jun 16, 2021, 5:51 PM IST

कानपुर:जिले में बच्चों पर वैक्सीनेशन का ट्रायल शुरू हो गया है. इससे पहले भी कानपुर में वैक्सीनेशन का ट्रायल हो चुका है, जिसमें कानपुरवासियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था. वहीं अब जब बच्चों के ऊपर वैक्सीन का ट्रायल शुरू हुआ है तो एक बार फिर कानपुर आगे आया है. वैक्सीन ट्रायल के चीफ इन्वेस्टिगेटर डॉ. बी एन त्रिपाठी ने कहा कि देश में पहली बार 2 साल से 6 तक के बच्चों पर कोवैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल किया जाएगा.

2 साल के बच्चों पर कोवैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल

देश में होगा पहली बार ट्रायल

बच्चों को कोरोना से बचाने के लिए भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) हैदराबाद ने स्वदेशी कोवैक्सीन के ट्रायल की जिम्मेदारी देश के छह अस्पतालों को सौंपी है. सबसे पहले अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली में ट्रायल शुरू हुआ है. वहीं कानपुर समेत देश के पांच (एम्स दिल्ली, पटना एम्स, निजाम इंस्टीट्यूट हैदराबाद, बेलग्राम) स्थानों पर ट्रायल की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.

12 से 18 साल के बच्चों को दी गई पहली डोज

कानपुर के आर्य नगर स्थित प्रखर हॉस्पिटल ने 50 बच्चों को वैक्सीन ट्रायल के लिए वॉलेंटियर बनाया है. प्रखर हॉस्पिटल के चीफ गाइड डॉक्टर जेएस कुशवाहा ने बताया कि वैक्सीन लगाने से पहले बच्चों के अभिभावकों से अनुमति ली गई. फिर उनके स्वास्थ्य की जांच कर स्वस्थ बच्चों की एंटीबॉडी जांच, रक्त का सैंपल, RT-PCR जांच के लिए थ्रोट और नेजल स्वाब को आईसीएमआर की लैब में भेजा गया. उन्होंने बताया कि पहले दिन 12 बच्चों को वैक्सीन की पहली डोज लगाई गई. दूसरे दिन 15 और बच्चों को पहली डोज दी गई. जबकि वैक्सीन की दूसरी डोज 28 दिन बाद इन वॉलेंटियर्स को दी जाएगी.

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2 साल के बच्चों पर किया जाएगा क्लीनिकल ट्रायल

वैक्सीन ट्रायल के चीफ इन्वेस्टिगेटर पूर्व डीजीएमई डॉक्टर बी एन त्रिपाठी ने बताया की वैक्सीन के ट्रायल के लिए बच्चों को तीन श्रेणी में बांटा गया है. तीसरी श्रेणी में 2 वर्ष से 6 वर्ष के बच्चों को रखा गया है. वहीं 2 वर्ष के बच्चों का वैक्सीन ट्रायल कर कानपुर भारत का पहला ऐसा स्थान होगा, जहां इतने छोटे बच्चे पर वैक्सीन का ट्रायल किया जाएगा. इन्वेस्टिगेटर डॉ. अमित चावला ने कहा कि अगर वैक्सीन बच्चों पर ट्रायल में सफल होती है तो यह भारत के लिए एक नया कीर्तिमान होगा.

6 से 18 साल के बच्चों का होगा टीकाकरण

इसके बाद जो दूसरा चरण शुरू होगा उसमें 6 से 18 साल के बच्चों का टीकाकरण होगा. इसे तीन भागों में बांटा गया है. पहले चरण में 12 से 18 वर्ष दूसरे चरण में 6 से 12 वर्ष और तीसरे चरण में 2 से 6 साल तक के बच्चों को शामिल किया गया है. अभी जो टीकाकरण चल रहा है वह 12 से 18 साल के बच्चों का है. अभी इससे नीचे के बच्चों के लिए वैक्सीनशन के लिए कोई निर्देश नहीं आए हैं. जब कम उम्र के लिए वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल के लिए निर्देश आएंगे, तब उसकी तैयारी की जाएगी.

Last Updated : Jun 16, 2021, 5:51 PM IST

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