कानपुर :हैलट के बाल रोग अस्पताल में वेंटिलेटर के अचानक बंद हो जाने से बच्चे की मौत हो गई. बताया जाता है कि बच्चे की हालत बहुत गंभीर थी जिसके चलते उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था. वहीं, अस्पताल में इस्तेमाल किए जा रहे वेंटिलेटर की खराब स्थिति के बारे में बाल रोग विभाग के अध्यक्ष ने 6 जुलाई को जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को पत्र लिखा था. इस पत्र से ही घटना का पता चला. साथ ही यह भी पता चला कि बच्चे की मौत 2 सप्ताह पहले हुई थी.
कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए बच्चों पर सबसे अधिक ध्यान दिया जा रहा है. चाहे वह घर हो या अस्पताल, हर जगह व्यवस्था चाक चौबंद रखने की कोशिश की जा रही है. लेकिन हैलट अस्पताल के बालरोग की घटना ने इन तैयारियों की पोल खोलकर रख दी है.
दरअसल, हैलट के बालरोग अस्पताल में वेंटिलेटर के अचानक बंद हो जाने से एक बच्चे की मौत हो गई. घटना का खुलासा तब हुआ जब वेंटिलेटर की स्थिति के बारे में बालरोग विभागाध्यक्ष ने जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को पत्र लिखा.
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इसमें इस घटना का जिक्र किया गया था. हालांकि मामला दो सप्ताह पहले का है लेकिन यह खबर अस्पताल परिसर से बाहर नहीं आ पाई. वहीं, 2 सप्ताह बाद पत्र के सामने आने पर अब इस घटना का खुलासा हुआ है.
पीएम केयर से लगाया गया था वेंटिलेटर
पीएम केयर फंड से एग्वा वेंटिलेटर पीडियाट्रिक आईसीयू में लगाया गया था. बताया जाता है कि यह वेंटिलेटर चलते-चलते अचानक बंद हो जाता है. कई बार ऐसा हो चुका है. इसके बाद भी इसका इस्तेमाल किया जा रहा है. एग्वा के हैलेट में दो वेंटिलेटर लगे हुए हैं.
विभागाध्यक्ष के प्राचार्य को लिखे गए पत्र में कहा गया कि इन वेंटिलेटरों का इस्तेमाल रोगी के हित में नहीं है. प्राचार्य ने पत्र में यह भी स्पष्ट किया कि इस संबंध में पहले भी बताया जा चुका है. वेंटिलेटर के अचानक बंद हो जाने से एक बच्चे की मौत भी हो गई थी. यह पत्र छह जुलाई को लिखा गया था.
इस संबंध में बालरोग विभागाध्यक्ष डॉ. यशवंत राव ने बताया कि घटना करीब दो सप्ताह पहले की है. पीएम केयर फंड से आए ज्यादातर एग्वा वेंटिलेटर चल नहीं रहे हैं. इस संबंध में न्यूरो साइंसेस कोविड हॉस्पिटल के आईसीयू प्रभारी ने 21 मई को जीएसवीएम मेडिकल काॅलेज के प्राचार्य को पत्र लिखकर शिकायत की गई थी.