कानपुर: छत्रपति शाहू जी महाराज विवि में पहले विद्यार्थी जब पढ़ाई करते थे तो शिक्षक हाथों में चॉक लेकर श्यामपट्ट पर उन्हें पढ़ाते थे. लेकिन, अब डिजिटल दुनिया का दौर है, जहां छात्र-छात्राएं पूरी तरह से स्मार्ट ढंग से ऑडियो-वीडियो विजुअल के माध्यम से पढ़ाई कर रहे हैं. यह नया सीएसजेएमयू है, जहां 100 से अधिक कक्षाओं का संचालन पूरी तरह से स्मार्ट क्लासेस के तौर पर हो रहा है. नवाचार की दिशा में बहुत तेज गति से कदम बढ़ाने वाले इस विवि के छात्र-छात्राएं व शिक्षक कहते हैं कि अब कोरोना जैसी किसी महामारी में हमारी पढ़ाई जारी रहेगी.
स्मार्ट तरीके से शिक्षा देने वाला प्रदेश का पहला विश्वविद्यालयः सीएसजेएमयू के प्रति कुलपति प्रो. सुधीर कुमार अवस्थी ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि चॉक से श्यामपट्ट पर शिक्षा देने की जो प्रारंभिक नीति थी, वह दूर की बात हो चुकी है. अब विवि में हम लोगों ने तकनीकी क्षेत्र में एक नया कदम आगे बढ़ाया है. हमारी हर क्लास, स्मार्ट क्लासेस की तरह संचालित है. वहीं, कानपुर विश्वविद्यालय प्रदेश का पहला ऐसा विश्वविद्यालय है, जहां स्मार्ट क्लासेस की व्यवस्था को शुरू किया गया है.
उन्होंने कहा कि इन स्मार्ट क्लास की खास बात यह होगी कि शिक्षक छात्र-छात्राओं को अपना ऑनलाइन लेक्चर देंगे. वह उसे रिकॉर्ड भी कर सकते हैं. इसके अलावा जो भी छात्र किसी कारणवश कॉलेज नहीं आ पाते हैं या फिर उनका कोई लेक्चर छूट जाता है तो वह इसे विश्वविद्यालय के पोर्टल से दोबारा ले सकते हैं, जिसका नाम ज्ञान संचय है. इसके साथ ही इन स्मार्ट क्लासेस के माध्यम से छात्र व छात्राएं विदेशी विश्वविद्यालयों के शिक्षकों से भी शिक्षा ले सकेंगे. हाल ही में कुछ विदेशी शिक्षकों से इसका ट्रॉयल भी कराया गया है. जो कि सफल रहा है. वहीं, अब विश्वविद्यालय कैंपस में लगभग 6000 छात्र-छात्राएं इन स्मार्ट क्लासेस के माध्यम से शिक्षा ले रहे हैं.
परिवर्तन प्रकृति का नियम: विवि की नई व्यवस्था को लेकर विवि के वरिष्ठ प्रोफेसर (अंग्रेजी) संजय स्वर्णकार ने बताया कि परिवर्तन प्रकृति का नियम है और आज के समय में जो आधुनिक बदलाव देखने को मिल रहे हैं, उससे लोग डिजिटलाइजेशन की ओर बढ़ रहे हैं. विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक के दिशा निर्देशन में कानपुर विश्वविद्यालय ने डिजिटलाइजेशन की ओर अपना एक कदम बढ़ाया है. जहां अब हर विभाग में स्मार्ट क्लासेस की सुविधा को शुरू किया गया है. उन्होंने कहा कि जिसके माध्यम से छात्र व छात्राएं इसका लाभ ले सकते हैं.