प्रो.नरेंद्र मोहन ने बताया. कानपुर: देश में जब विशेष प्रकार की चीनी को लेकर बात होती है तो कानपुर के राष्ट्रीय शर्करा संस्थान (NSI) का नाम जरूर सामने आता है. अब, इसी एनएसआई में पहली बार एक साथ दो सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाए जाएंगे. इसके निर्माण के लिए केंद्र सरकार ने मंजूरी भी दे दी है. करीब एक माह पहले ही केंद्र से आए एक अधिकारी ने सीओई की अनुमति अपनी ओर से दे दी थी.
संस्थान के निदेशक ने बताया
राष्ट्रीय शर्करा संस्थान कानपुर के निदेशक प्रो. नरेंद्र मोहन ने इस बार में ईटीवी भारत से विशेष बातचीत की. उन्होंने बताया कि देश में एनएसआई पहला ऐसा संस्थान है. जहां एक साथ दो सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि संस्थान में पहले से ही शुगर फैक्ट्री संचालित है. हालांकि अब उनका फोकस ब्राउन शुगर, स्पेशल शुगर के अलावा कुछ विशेष प्रकार की शक्कर को तैयार करने का है. जिनकी देश के बाजारों में जरूरत है.
इंस्टीट्यूट-इंडस्ट्री के बीच इंटरफेस का काम करेगा
प्रो.नरेंद्र मोहन ने बताया कि संस्थान में जो 2 सीओई बनाए जाएंगे. वह इंस्टीट्यूट और इंडस्ट्री के बीच इंटरफेस का काम करेंगे. उन्होंने कहा कि यहां लैब टू लैंड कांसेप्ट का लाभ छात्रों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की मदद से मिलेगा. यहां छात्र संस्थान में दाखिला लेंगे, तो अपनी पढ़ाई करेंगे और साथ में प्रायोगिक व शोध कार्यों के तहत बेहतर गुणवत्ता वाली चीनी को तैयार करना सीखेंगे. इसके अलावा चीनी उद्योग की चुनौतियों से भी निपटने के गुर सीख सकेंगे. यहां सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनने से अन्य देशों के छात्र भी यहां शोध कार्यों के लिए आ सकेंगे. उन्होंने बताया कि इन केंद्रों को बनाने के लिए करीब 20 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
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