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पढ़ाई संग छात्रों को आत्मनिर्भर बनाएगा CBSE, स्कूलों में कौशल विकास के 80 पाठयक्रम होंगे शुरू

Intro:पढ़ाई के साथ ही छात्रों को आत्मनिर्भर बनाएगा सीबीएसई, 80 नए पाठ्यक्रम पढ़ेंगे -सीबीएसई में अगले सत्र से होंगे कई बदलाव, दो बार कराई जाएंगी परीक्षाएं-स्कूलों में अब कक्षा तीन से ही मिलेगा दा​खिला, पहली बार दिखेंगी बाल वाटिका

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 16, 2023, 9:15 PM IST

कानपुर:हमेशा ही छात्रहित में नए फैसले लेने वाले केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने एक बार फिर से छात्रों के लिए बड़ा फैसला किया है. बोर्ड अब छात्र-छात्राओं को स्कूल स्तर से ही आत्मनिर्भर बनाएगा. छात्रों को स्कूल स्तर पर ही कौशल विकास से संबं​​धित कई पाठ्यक्रम पढ़ने को मिलेंगे. नई ​शिक्षा नीति को भी जल्द सभी स्कूलों को लागू करना होगा। यह बात सीबीएसई के प्रयागराज रीजन के रीजनल अ​धिकारी ललित कुमार कपिल ने शनिवार को कही. एक स्कूल में आयोजित मेधावी सम्मान समारोह कार्यक्रम में शामिल होने ललित कुमार पहुंचे थे.

कानपुर के स्कूल में मेधावी सम्मान समारोह.

कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, केवल विज्ञान ही नहीं, सभी विषयों को ध्यान में रखकर कोर्स तैयार किए जा रहे हैं. एआई, कोडिंग, फैशन, मैनेजमेंट सहित 80 ​स्किल विषयों को लांच किया गया है, जिसे स्कूल अपनाकर छात्र-छात्राओं को आत्मनिर्भर बना सकते हैं.

मेधवी सम्मान समारोह में छात्रों को सम्मानित किया गया

अगले सत्र से सीबीएसई करेगा कई बदलाव:ललित कुमार कपिल ने कहा, सीबीएसई अगले सत्र से कई बड़े बदलाव कर रहा है. बोर्ड परीक्षाएं भी साल में दो बार कराई जाएंगी, इस तरह की योजना बन गई है. अब यह कब तक संभव होगा, इसकी सूचना जल्द ही जारी कर दी जाएगी. इसके अलावा देश के प्रति समर्पित करने के लिए वीरगाथा प्रोजेक्ट, छात्रों की योग्यता को टेस्ट करने के लिए सफल प्रोजेक्ट, सेहतमंद रखने के लिए फिट इंडिया प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई है.

मेधवी सम्मान समारोह में उपस्थित लोग.

स्कूलों में देखने को मिलेंगी बाल वाटिका:ललित कपिल ने आगे कहा कि देश के तमाम केंद्रीय विद्यालयों में जिस तरह से छोटे बच्चों को पढ़ाने के लिए बाल वाटिका तैयार की गई है. उसी तर्ज पर अब सभी सीबीएसई स्कूलों में बच्चों का प्रवेश तीन साल की उम्र से होगा. स्कूलों में इसके ​लिए बाल वाटिका खोली जाएंगी. अभी कई स्कूल ऐसे हैं, जहां छह साल की उम्र में कक्षा एक से ही दा​​खिला मिलता है. केंद्रीय विद्यालयों की भी यही ​​स्थिति है, अब बाल वाटिका भी स्कूल का ही हिस्सा मानी जाएंगी. वहीं, इससे पहले मेधवी सम्मान समारोह में छात्रों को सम्मानित किया गया और उन्हें पुरस्कार के तौर पर पांच हजार रुपये की पुरस्कार राशि भी दी गई. कार्यक्रम में सीबीएसई सिटी कोआर्डिनेटर बलविंदर सिंह, विवेक अवस्थी, भावना गुप्ता, शिल्पा मनीष समेत कई प्रधानाचार्य उपस्थित रहे.

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