कानपुरः देशभर में कैंसर मरीजों की तादाद तेजी से बढ़ रही है. अकेले कानपुर शहर में हर साल कैंसर के 6 हजार मरीज सामने आ रहा रहे हैं. यह जानकारी शहर के जेके कैंसर अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. एसएन प्रसाद ने दी. उन्होंने कहा कि इस गंभीर बीमारी के रोकथाम के लिए सरकार को सख्त कदम उठाने की जरूरत है. इसके साथ ही लोगों को कैंसर के प्रति जागरूक करने की भी आवश्यक्ता है.
डॉ. एसएन प्रसाद ने बताया कि शहर में लेदर इंडस्ट्री बड़े पैमाने पर है. व्यापार और शहर की उन्नति को देखते हुए तो यह अच्छा है. लेकिन, टेनरियों से बड़ी मात्रा में क्रोमियम और आर्सेनिक धातु निकलकर भूगर्भ जल को दूषित कर रही हैं. इसे पीकर टेनरियों के आस-पास रहने वाले लोग पेट के रोगों से ग्रसित हो रहे हैं. इस पानी को पीकर लीवर कैंसर, पेट का कैंसर समेत कई गंभीर बीमारियां हो रही हैं. पिछले कुछ सालों में यह समस्या तेजी से बढ़ी है.
डॉ. एसएन प्रसाद के अनुसार, अस्पताल में ऐसी समस्याओं से बीमार मरीजों के आने की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है, जो मरीज ओपीडी में दिखाते हैं. उनमें हर दूसरा मरीज ओरल कैंसर से पीड़ित है. उन्होंने कहा कि शहर के लोगों को गुटखा खाने की लत लग गयी है. इसकी वजह से भी यह समस्या बढ़ती जा रही है. लोगों को इसके प्रति जागरूक होना होगा. सरकार अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रही है. लेकिन, अगर हम खुद इसके प्रति जागरूक नहीं होंगे, तो यह समस्या बढ़ती ही जाएगी.
डॉ. एसएन प्रसाद ने इस दौरान यह भी बताया कि जेके कैंसर को रीजनल कैंसर इंस्टिट्यूट का दर्जा दिया जाए. इसके लिए केंद्र सरकार को प्रोजेक्ट बनाकर भेजा गया है. इसके तहत संस्थान को 45 करोड़ रुपये मिलेंगे. इस धनराशि से इंस्टिट्यूट का अपग्रेडेशन किया जाएगा. लीनियर एक्सीलेटर मशीन 3 साल से बंद है. इसे भी जल्द शुरू किया जाएगा. डीजीएमई श्रुति सिंह ने अस्पताल में असुविधाओं को लेकर पिछले दिनों रोष जताया था और कैंसर पीड़ितों को सभी सुविधाओं को देने के निर्देश भी दिए थे.
ये भी पढ़ेंःCRPF Women Commandos बाइक से पहुंचीं आगरा, 8 पड़ाव में पूरा करेंगी 1800 किमी का सफर