कानपुर : उत्तर प्रदेश सरकार केआगामी बजटसे पूरे प्रदेश के सभी वर्ग के लोग उम्मीद लगाए बैठे हैं. कोरोना महामारी के दंश से चरमराई आर्थिक व्यवस्था को पटरी पर लाने के साथ राज्य के राजस्व को लेकर संतुलन बनाना बड़ी चुनौती होगी तो वहीं उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावके मद्देनजर भी इस बार के बजट को काफी अहम माना जा रहा है. ईटीवी भारत ने औद्योगिक नगरी के व्यापारियों से बातचीत की और यह जानने की कोशिश की कि वे बजट से क्या चाहते हैं.
बंद पड़ी औद्योगिक इकाइयों का हो संचालन
व्यापारियों के अनुसार, कानपुर में पहले कॉटन इंडस्ट्रीज, लेदर इंडस्ट्रीज व अन्य इंडस्ट्रीज ने पूरे देश में अपना डंका बजा रखा था. इसकी वजह से कानपुर को सोने की चिड़ियाके नाम से जाना जाता था, वहीं अब कल-कारखानों के धीरे-धीरे बंद हो जाने के चलते कानपुर की जनता को कहीं न कहीं काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. उनका कहना है कि उन्हें सरकार से यही अपेक्षा है कि आने वाले बजट में बंद पड़ी मिलों और कारखानों को खोला जाए ताकि शहर में रह रहे लोगों को काम मिल सके और वे अपनी आजीविका भी सही ढंग से चला सके. इस तरह से सरकार और शहर के नागरिक दोनों को ही फायदा होगा.