कानपुर: ईओडब्ल्यू इंस्पेक्टर की हत्या के 27 साल पुराने मुकदमे में फर्रुखाबाद के चर्चित बसपा नेता और बाहुबली अनुपम दुबे को अपर जिला जज अष्टम राम अवतार प्रसाद ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही एक लाख रुपये जुर्माने भी लगाया है. गुरुवार को फैसला आते ही सूबे की सियासी गलियारों में इस मामले की चर्चा आग की तरह फैल गई. सजा सुनाए जाने के बाद बसपा नेता ने कोर्ट से बाहर निकलते समय कहा कि वह कोर्ट के निर्णय का पूरा सम्मान करते हैं. लेकिन, अपना पक्ष रखने के लिए अब हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. डीजीसी दिलीप अवस्थी ने इस मामले की पुष्टि की.
1996 में इंस्पेक्टर रामनिवास यादव की चलती ट्रेन में की थी हत्या: बता दें ईओडब्ल्यू में तैनात मेरठ निवासी रामनिवास यादव की अनवरगंज स्टेशन पर खड़ी ट्रेन में 14 भी 1996 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. फर्रुखाबाद में तैनाती के दौरान दर्ज एक मुकदमे की विवेचना रामनिवास ने की थी. इसी मुकदमे में गवाही देने के लिए रामनिवास फर्रुखाबाद गए थे. ट्रेन से लौटते समय रास्ते में मौका पाकर ट्रेन में ही उनकी हत्या कर दी गई थी. इस गंभीर मामले में जीआरपी थाने में अनुपम दुबे के अलावा नेम कुमार उर्फ बिलैया और कौशल के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था. तीनों की गिरफ्तारी न हो पाने पर फरारी में ही उनके खिलाफ चार्जशीट कोर्ट भेज दी गई थी. अनुपम दुबे के गैर हाजिर रहने पर सीजेएम कोर्ट ने 2021 कुर्की आदेश जारी कर दिया था. इसके बाद फतेहगढ़ न्यायालय में आत्म समर्पण कर बसपा नेता डॉक्टर अनुपम दुबे जेल चले गए. मुकदमे की सुनवाई के दौरान दो अभियुक्तों की मौत हो चुकी है. गुरुवार को कड़ी सुरक्षा में मथुरा जेल में बंद अनुपम को फैसले की सुनवाई के लिए कानपुर कोर्ट लाया गया था. जहां उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई.
बाहुबली बसपा नेता अनुपम दुबे को आजीवन कारावास, 27 साल पहले इंस्पेक्टर की हत्या मामले में मिली सजा - Inspector murdered in Farrukhabad
कानपुर की कोर्ट ने 27 साल पुराने हत्या के मामले में बाहुबली बसपा नेता अनुपम दुबे को आजीवन कारावास सुनाई है. चलती ट्रेन में इंस्पेक्टर की हत्या मामले में कोर्ट ने सजा सुनाई है.
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Dec 7, 2023, 8:26 PM IST
|Updated : Dec 7, 2023, 9:00 PM IST
22 गवाह कोर्ट में पेश किए गए:जिला शासकीय अधिवक्ता दिलीप कुमार अवस्थी ने बताया कि इस मुकदमे में कुल 22 गवाह कोर्ट में पेश किए गए थे. अभियोजन की ओर से 17 गवाह कोर्ट में पेश हुए थे, जबकि कोर्ट विटनेस के रूप में भी चार गवाहों ने अपने बयान दर्ज कराए थे. इनमें से घटना के समय ट्रेन में मौजूद रहे एक गवाह मुलायम सिंह की गवाही महत्वपूर्ण रही. इसे चश्मदीद गवाह के रूप में कोर्ट में पेश किया गया था.
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