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बसपा राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा बोले-प्रदेश में कानून का राज खत्म - बसपा की न्यूज

कानपुर पहुंचे बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने भाजपा सरकार की कार्यशैली को लेकर कई सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून का राज पूरी तरह से खत्म हो चुका है. लखीमपुर खीरी के मामले को लेकर उन्होंने कहा कि यदि सुप्रीम कोर्ट इस मामले को संज्ञान में न लेती तो यह मामला दबा दिया जाता.

कानपुर पहुंचे बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा.
कानपुर पहुंचे बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा.

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Published : Oct 17, 2021, 9:58 PM IST

कानपुरःआगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बसपा ने भी प्रचार अभियान तेज कर दिया है. इसी कड़ी में रविवार को बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा कानपुर पहुंचे. यहां वह बिठूर विधानसभा के प्रत्याशी रमेश यादव के समर्थन में रैली करने पहुंचे थे. उन्होंने उत्तर प्रदेश वित्तविहीन शिक्षक संघ के सम्मेलन में भी भाग लिया. इस मौके पर उन्होंने भाजपा सरकार पर जोरदार हमला बोला. कहा कि प्रदेश में कानून का राज पूरी तरह से खत्म हो चुका है.

उत्तर प्रदेश वित्तविहीन शिक्षक संघ के सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि भाग लेने पहुंचे बसपा के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि जिस तरह से कानपुर शहर के एक व्यापारी की हत्या कर दी जाती है, फिर उसके परिवार को रुपये और नौकरी देकर शांत किया जाता है. क्या उससे वह व्यक्ति वापस आ जाएगा. ऐसे सैकड़ों मामले प्रदेश में सामने आ रहे हैं. बेरोजगारी के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि पार्टी की मुखिया मायावती पहले ही इस मसले को लेकर ऐलान कर चुकी हैं कि बसपा की सरकार बनने पर इस समस्या को प्राथमिकता से दूर किया जाएगा. उन्होंने कहा कि अगर आपकी इच्छा है तो बेरोजगारी दूर हो सकती है. ठेके पर नौकरियां देने से बेरोजगारी बढ़ेगी ही.

कानपुर पहुंचे बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा.

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कानपुर पहुंचे बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने भाजपा सरकार की कार्यशैली को लेकर कई सवाल उठाए.

कोरोना से मौतों को लेकर उन्होंने भाजपा सरकार पर जोरदार हमला बोला. कहा कि इससे यूपी की बदनामी पूरे विश्व में हुई है. अस्पतालों में बेड नहीं मिले. दाह संस्कार के लिए लकड़ी नहीं मिली. गंगा में शव बहा दिए गए. बालू में शव दबा दिए गए. जानवर शवों को खा रहे थे. ये दर्दनाक मंजर था. इस सच्चाई को उजागर करने वालों पर भी सरकार नाराज हो गई थी. कोरोना काल में बदइंतजामी की वजह से सैकड़ों जानें गईं.

सर्वोच्च न्यायालय के कहने पर ही कोरोना से जान गंवाने वालों को सरकार मुआवजा दे रही है. उसमें भी सरकार पात्र तलाश रही है कि कौन पात्र है और कौन नही? साथ ही कोरोना काल में अध्यापकों की डयूटी लगाए जाने को लेकर भी उन्होंने सवाल उठाए. उन्होंने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में कहा कि सुप्रीम कोर्ट अगर इस घटना को संज्ञान नहीं लेती तो कोई भी कार्रवाई नही होती. सरकार मामले को दबाने में जुटी हुई है.




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