कानपुर: स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस में 1.40 करोड़ रुपये मिलने के बाद तमाम सवाल अभी तक बने हुए हैं. गाजियाबाद की कंपनी बी4एस प्राइवेट लिमिटेड ने कानपुर जीआरपी पुलिस के बाद अब आयकर विभाग में इस रकम के अपना होने का दावा किया है. उसने ईमेल के जरिए आयकर विभाग के अफसरों को जानकारी दी है कि यह रुपये उसके ही हैं. यह रुपये ट्रेन से दिल्ली से लखनऊ भेजे जा रहे थे. वहीं आयकर विभाग ने भी मेल लिखकर कंपनी से सबूत मांगे हैं. आखिर यह रुपये उस कंपनी के कैसे हैं, कंपनी से 10 दिन में अंदर ही इसका जवाब मांगा गया है.
बी4एस कंपनी ने 1.40 करोड़ की रकम पर किया अपना दावा - ghaziabad company claims rs 1.40 crore rupees
कानपुर में स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस में 1.40 करोड़ रुपये मिलने के बाद तमाम सवाल अभी तक बने हुए हैं. गाजियाबाद की कंपनी बी4एस प्राइवेट लिमिटेड ने कानपुर जीआरपी पुलिस के बाद अब आयकर विभाग में इस रकम के अपना होने का दावा किया है.
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ये है मामला
आपको बता दें कि 16 फरवरी को स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस की पैंट्री कार में रखे एक बैग में 1.40 करोड़ रुपये मिले थे. वहीं 12 दिन बाद गाजियाबाद की एक प्राइवेट कंपनी ने कानपुर जीआरपी से इन रुपयों पर अपना दावा पेश किया था. यह रुपये जब जीआरपी ने आयकर के कब्जे में सौंप दिए, वैसे ही कंपनी ने जीआरपी के बाद अब आयकर विभाग को भी मेल भेज कर इन रुपयों पर अपना दावा किया है. आयकर अधिकारियों ने दावा करने वाली कंपनी बी 4 एस से सबूत मांगे हैंं. रुपये मिले हुए एक महीने पूरे हो चुके हैं. एक महीने के बाद भी कंपनी का कोई व्यक्ति अभी तक ना तो जीआरपी के पास पहुंचा है और ना ही आयकर विभाग के पास. वहीं जानकारों का मानना है कि जब दिल्ली से लखनऊ रकम भेजी जा रही थी और यह रकम कानपुर में मिली तब यह कंपनी कहां थी और तब कंपनी ने दावा क्यों नहीं किया. क्यों 12 दिन बाद कंपनी ने इस पर अपना हक जताया.