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कानपुर: शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा और पूर्व डीजीपी एके जैन का ऑडियो वायरल - लखनऊ ताजा समाचार

शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा और पूर्व डीजीपी एके जैन
शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा और पूर्व डीजीपी एके जैन

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Published : Oct 21, 2020, 7:14 PM IST

Updated : Oct 21, 2020, 9:45 PM IST

18:56 October 21

एसएसपी अनंत देव को सीओ ने बताया था लुटेरा

ऑडियो वायरल

कानपुर: चर्चित बिकरू कांड में शहीद हुए डिप्टी एसपी देवेंद्र मिश्रा का एक और ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वायरल ऑडियो में डिप्टी एसपी उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी एके जैन से बातचीत के दौरान सहारनपुर से आ रहे पुलिस कप्तान दिनेश पी से अपना क्षेत्र न बदलने की सिफारिश के लिए वार्ता कर रहे थे. इस वार्तालाप में पुलिस और भ्रष्टाचार की पोल खुलती नजर आ रही है. ऑडियो में कानपुर के तत्कालीन एसएसपी रहे अनन्त देव तिवारी को देवेन्द्र मिश्रा ने लुटेरा तक बता डाला. अब यह ऑडियो पूरे प्रदेश में में चर्चा का विषय बना है.

शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा और पूर्व डीजीपी के बीच बातचीत का ऑडियो वायरल हो रहा है. यह ऑडियो 8 मिनट 24 सेकेंड का है. वायरल ऑडियो में उन्होंने अपनी सिफारिश के लिए पूर्व डीजीपी को फोन किया था. ऑडियो में सीओ देवेंद्र मिश्रा प्रदेश के पूर्व डीजीपी से खुद के लिए नए तत्कालीन एसएसपी दिनेश कुमार पी से सिफारिश करने के लिए कहते हुए सुनाई दे रहे हैं.

बातचीत के कुछ अंश इस प्रकार है -

पूर्व डीजीपी- हां भैया

शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा- जय हिंद सर

पूर्व डीजीपी- जय हिंद

शहीद सीओ- सर देवेंद्र बोल रहा हूं, सर

पूर्व डीजीपी- हां देवेद्र और बताओ

शहीद सीओ- बस आशीर्वाद है, सब बढ़िया चल रहा है, ये तो गए डीआईजी
शहीद सीओ- इसीलिए तो आप से प्रार्थना कर रहे हैं. आप थोड़ा सा घुमाकर कह दीजिए कि बहुत अच्छा है, ताकि हमें ना डिर्स्टब करें सर. दो सीओ आए हैं इधर, उनकी पोस्टिंग तो इधर होगी, एक सीओ ऑफिस हो जाएगा और सीओ ट्रैफिक हो जाएगा.

पूर्व डीजीपी- कोई सर्किल खाली है इस समय?
शहीद सीओ- सर्किल कोई खाली नहीं है. एक सीओ ऑफिस का ट्रांसफर हुआ है. सीओ क्राइम और सीओ ऑफिस उसका ट्रांसफर हुआ है. उसकी जगह एक सीओ एडजस्‍ट हो जाएगा. एक सीओ त्रिपुरारी पाण्डेय है, वो सीओ ट्रैफिक और सीसामऊ का चार्ज लिए है. ट्रैफिक का अलग सीओ होता है.

पूर्व डीजीपी- त्रिपुरारी पांडेय इनके भी करीब रहा होगा, तत्कालीन एसएसपी के?

शहीद सीओ- तत्कालीन एसएसपी करोड़ों-अरबों रुपया लेकर चला गया. यहां पर कोई लोहिया पथ है कौन है, किसी से ईंट, मौरंग, सीमेंट, लोहा व्यापारी यही करता रहा है.

पूर्व डीजीपी- लोहिया पथ पर क्या करेगा?

शहीद सीओ- ये सर जब एसटीएफ में था तब मायावती सरकार ने जो ददुआ मारा गया था तो प्‍लॉट दिया गया था.

पूर्व डीजीपी- मैंने ही दिलाया था. मैं उस समय आईजी एसटीएफ था, ये मेरा एडिशनल एसपी था.

शहीद सीओ- उसी में सर इसने बड़ा सा बंगला खड़ा कर दिया है.

पूर्व डीजीपी- कहां यहीं लखनऊ में?

शहीद सीओ- लखनऊ में

पूर्व डीजीपी- हां तो इसको प्लॉट तभी दिलवाया था

शहीद सीओ- जी सर, जी सर

पूर्व डीजीपी- मैंने ही इसको अलाट कराया था, एलडीए से प्लॉट, फ्री मिला था.

शहीद सीओ- जी सर, जी सर, इसी में पूरा कर रहा था.

पूर्व डीजीपी- करता क्या था इतना पैसे का?

शहीद सीओ- साले को जमीन दिलाता था, साला जमीन जायदाद की खरीदारी करता था. साला साथ में रहता था. भाई को दूर रखता था, अपना नोएडा में रहो, नोएडा में भी मकान है.

मालूम हो कि इस साल 2 जुलाई की रात बिल्हौर सीओ देवेंद्र मिश्रा पुलिस टीम के साथ हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने के लिए बिकरू गांव गए थे. विकास दुबे ने अपने गुर्गों के साथ मिलकर पुलिस टीम पर अंधाधुंध फायरिंग कर सीओ समेत 8 पुलिसकर्मियों की निर्मम हत्या कर दी गई थी.

नोट: ईटीवी भारत इस ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है.

Last Updated : Oct 21, 2020, 9:45 PM IST

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