कानपुर: मरीज जैसे ही इलाज के लिए अस्पताल पहुंचते हैं. डॉक्टरों ने उन्हें सबसे पहले एंटी बायोटिक दवाइयां देने लगते हैं. इसकी जानकारी के लिए जनवरी में शहर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज (Kanpur GSVM Medical College) में सर्वे किया गया था, जिसकी रिपोर्ट में पता चला कि जरूरत से भी ज्यादा इन दवाइंयों का इस्तेमाल किया गया है. इसी के चलते डब्ल्यूएचओ ने सभी मेडिकल कॉलेजों के लिए आदेश जारी किया था.
जिसमें सरकारी और निजी अस्पताल दोनों में ही एंटी माइक्रोबियल पॉलिसी तैयार की जाएगी. इस आदेश का सभी डॉक्टरों को पालन करना होगा. ऐसे ही कई और शोध परिणाम से पता चला है कि एंटी बायोटिक दवाएं मरीज को रोग से लड़ने में कारगर होती हैं और मरीज को जल्द ही आराम मिलना भी शुरू हो जाता है. हालांकि, मरीजों को एंटी बायोटिक दवाओं की जरूरत है या फिर डॉक्टर अन्य कारणों से मरीजों को एंटी बायोटिक दवाएं देते हैं. इसका पूरा रिकॉर्ड हर मेडिकल कालेज में होगा.
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