कानपुर: मौसम वैज्ञानिक भले ही मानसून सीजन से पहले यह दावा करते रहे हों कि सूबे में अच्छी बारिश होगी. लेकिन कानपुर से सटे बुंदेलखंड के क्षेत्रों में लगातार पिछले कई सालों से सूखा पड़ने की बात सामने आती रही है. सूखा पड़ने की वजह से ही कई किसानों ने दम भी तोड़ा. अब सूखे से निजात दिलाने के लिए आईआईटी कानपुर नई तकनीक का इजाद किया है. जिससे अब सूखा पड़ने की स्थिति के दौरान कृत्रिम बारिश कराई जा सकेगी.
बुंदेलखंड के क्षेत्रों में आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञ अमेरिका के सेना एयरक्राफ्ट की मदद से बारिश करा सकेंगे. यानी अमेरिका का एयरक्राफ्ट बुंदेलखंड के खेतों को भिगोएगा. बुंदेलखंड के साथ-साथ यह सुविधा कानपुर के लिए भी होगी. आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों ने कृत्रिम बारिश कराने के लिए विभिन्न चरणों में सफल परीक्षण का काम पूरा कर लिया है और इसके लिए पूरी तरह से तैयार हैं.
जानिए क्या होती है कृत्रिम बारिश:आईआईटी कानपुर के वरिष्ठ प्रोफेसर व पद्मश्री से सम्मानित प्रो.मणींद्र अग्रवाल ने बताया कि कृत्रिम बारिश के लिए हमें कृत्रिम बादल बनाने की कोई जरूरत नहीं होती है. कृत्रिम बारिश के लिए प्राकृतिक तौर पर घने बादल छाए रहने चाहिए. जिसे हम कह सकते हैं कि बदली होनी चाहिए. इसके बाद जो सेसना एयरक्राफ्ट है, वह बादलों के समीप पहुंचता है. एयरक्राफ्ट से फायरिंग होती है.