कानपुर:एक तरफ जहां पूरा देश आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर देश में अमृत महोत्सव मना रहा है. वहीं, देशभर में तिरंगा यात्रा हर घर तिरंगा अभियान भी चलाया जा रहा है. अगर बात की जाए सुरक्षा एजेंसियों की तो पूरे देशभर में सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड पर है. अभी हाल ही में कुछ दिन पहले सहारनपुर से एएनआई-यूपी एटीएस ने संदिग्ध आरोपी नदीम को गिरफ्तार किया था. वहीं, रविवार को नदीम से यूपी एटीएस की पूछताछ के दौरान व निशानदेही में यूपी एटीएस ने कानपुर से जैश ए मोहम्मद से जुड़े एक आतंकी को गिरफ्तार किया था. आतंकी की पहचान हबीब उल इस्लाम उर्फ सैफुल्ला के रूप में हुई है. जिसे एटीएस द्वारा फतेहपुर से कानपुर लाया गया था और पकड़े जाने पर यह पता चला था कि आतंकी वर्चुअल आईडी बनाने में एक्सपर्ट है. हबीबुल सोशल मीडिया के माध्यमों जैसे टेलीग्राम, वॉट्सऐप, फेसबुक मैसेंजर आदि के जरिए पाकिस्तान और अफगानिस्तान के हैंडलर से जुड़ा था.
एटीएस की जांच में पता चला है कि सैफुल्ला ने अपने कई राज खोले हैं. जिसमें उसने बताया है कि उसके इस आतंकी समूह में उसके साथ कानपुर के भी कई रिश्तेदार जुड़े हुए हैं. सैफुल्लाह के मोबाइल में 16 संदिग्ध ऐसे मोबाइल नंबर मिले हुए हैं जिनका कानपुर से आतंकी कनेक्शन नजर आ रहा है. वह यूपी एटीएस की पूछताछ में पता चला है कि सैफुल्ला कई फर्जी वर्चुअल नाम की आईडी बनाकर लोगों को जोड़ने का प्रयास करता था. इसमें सैफुल्ला के मिलने वाले ही नहीं बल्कि जो नंबर मिले हैं वह भी आभासी व संदिग्ध हैं यानी सैफुल्ला ऐसा जाल बना रहा था कि अगर उसकी तह तक न जाया जाए तो इसमें कौन-कौन से आतंकी संगठन जुड़े हुए हैं. इसका पता नहीं चल सकेगा. बात की जाए अगर यूपी एटीएस के सूत्रों की तो उससे पता चला है कि सैफुल्ला के मोबाइल में 40 ऐसे व्हाट्सएप ग्रुप थे जो कई संदिग्ध आतंकियों से कनेक्शन जोड़ते हैं साथ ही उसका आतंकी संगठन से कनेक्शन भी सामने आ रहा है, लेकिन एक बात दहला देने वाली बात सामने आ रही है कि कानपुर के 16 मोबाइल नंबर ऐसे हैं जिनका आतंकी कनेक्शन है सामने आ रहा है लेकिन अभी तक यूपी एटीएस इनके वास्तविक नाम व पते तक नही पहुंच सकी है.