कानपुर:जनपद में स्वास्थ विभाग की लापरवाही का मामला सामने आया है. जहां कानपुर महानगर के बर्रा बाईपास में स्थित आराध्या नर्सिंग होम के आई कैम्प में मोतियाबिंद का ऑपरेशन करवाने वाले 6 मरीजों की आंख की रोशनी ही चली गई. बताया जा रहा है कि उनकी आंख ऐसी खराब हुई कि दिखना ही बंद हो गया. कई दिनों तक हॉस्पिटल के चक्कर लगाने के बाद जब मरीजों की किसी ने मदद नहीं की तो उन्होंने मामले की शिकायत सीएमओ से की. जहां सीएमओ ने तुरंत जांच के आदेश दिए हैं.
मरीजों का आरोप है कि ऑपरेशन के बाद से ही उनकी आंख में दर्द होना शुरू हो गया था. उसके बाद धीरे-धीरे आंख से पानी बहने लगा. फिर दिखना ही बंद हो गया. हमारी आंख की रोशनी ही चली गई. इसकी शिकायत अस्पताल जाकर की गई, लेकिन वहां किसी ने एक नहीं सुनी. जिसके बाद मामले की जानकारी सीएमओ को दी गई.
जानकारी देते सीएमओ आलोक रंजन. अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर व विभाग जिसके अंदर से एक कैंप लगा था, आखिरकार इनमें कौन दोषी है. फिलहाल मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने जांच कमेटी गठित कर जांच कराने की बात कही है. गौरतलब है कि जांच कमेटी में कानपुर मेडिकल कॉलेज समेत कानपुर नगर के 2 बड़े आई सर्जन रखे गए हैं.
नर्सिंगहोम का लाइसेंस निलंबित
मोतियाबिंद का ऑपरेशन करने वाले आराध्या नर्सिंग होम का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है. वहीं लाइसेंस निलंबित होने के बाद सीएमओ की टीम बनाई गई थी जो हॉस्पिटल में निरीक्षण करने के लिए पहुंची. टीम का नेतृत्व कर रहे अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एसके सिंह ने बताया कि शिवराजपुर ब्लॉक के रहने वाले 6 लोगों की आंखों की रोशनी चली गई है. हॉस्पिटल का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है. वहीं, मरीजों को मेडिकल कॉलेज में बुलाकर उनकी जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि हॉस्पिटल ने चैरिटी के तहत आई कैंप आयोजित किया था. सीएमओ ऑफिस से कैंप लगाने के लिए कोई परमिशन नहीं दी गई थी, फिलहाल हॉस्पिटल बन्द कर दिया गया है.
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