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कानपुर के 15 वर्षीय छात्र का 'इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड' में दर्ज हुआ नाम, यह है वजह

कहा जाता है कि अगर हौसले बुलंद हो तो कामयाबी कदम चूमती है. इस बात को सच कर दिखाया है कानपुर के यशोदा नगर के दिव्यांश कीर्ति दीक्षित ने, जिसने अपनी लगन और निष्ठा से महज 15 वर्ष की छोटी सी उम्र में ही वन हैंड पंच में 'इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड' में अपना नाम दर्ज करा लिया. अब दिव्यांशु 'गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड' में अपना नाम दर्ज कराना चाहता है.

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दिव्यांश कीर्ति दीक्षित.

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Published : Sep 28, 2020, 6:38 PM IST

कानपुर: जिले के यशोदा नगर में रहने वाले संजय कुमार दीक्षित एलआईसी में कार्यरत हैं. उनकी पत्नी का नाम कीर्ति, बेटी का नाम ऐश्वर्या और बेटे का नाम दिव्यांश कीर्ति दीक्षित है. दिव्यांश बचपन से ही जूडो-कर्राटे खेलने में रुचि रखता था. यह देख परिवार के लोगों ने उसका जूडो प्रशिक्षण शुरू करा दिया. दिव्यांश कीर्ति दीक्षित इस समय कक्षा 10वीं का छात्र है और अपनी पढ़ाई के साथ-साथ वह जूडो-कर्राटे की भी प्रैक्टिस कर रहा है.

छोटी सी उम्र में स्थापित किए कीर्तिमान.

दिव्यांश कीर्ति दीक्षित ने बताया, 'कोरोना संक्रमण के दौरान जब लॉकडाउन हुआ, उस दौरान मैंने सबसे ज्यादा पंच प्रतियोगिता देखी थी, जिसके बाद से मैंने इसका अभ्यास करना शुरू कर दिया. इसके बाद मैंने 'इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड' में अपना नाम दर्ज कराने के लिए प्रतिभाग किया.'

दिव्यांश ने एक मिनट में उड़ीसा के अभिकुमार का 290 पंच का रिकॉर्ड तोड़ कर 314 बार पंच चला कर 'इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड' में अपना दर्ज कराया. अब दिव्यांश 'गिनीज ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड' में अपना नाम दर्ज कराना चाहता है, जिसकी अभी से तैयारियां शुरू कर दी है. दिव्यांश ने अपनी इस उपलब्धि का असली हीरो अपने गुरु और माता-पिता को बताया है.

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दिव्यांश के पिता ने कहा कि वो काफी खुश हैं कि उनके बेटे ने इतनी कम उम्र में अपना नाम 'इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड' में दर्ज कराया है. उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था, जो उनके बेटे ने कर दिखाया है.

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