कानपुर देहात: जनपद कानपुर देहात में पंचायत सचिवों से अवैध वसूली में निलंबित किए गए डीपीआरओ का सहयोग करने वाले वीडीओ, बाबू व एक सफाई कर्मी को भी एक माह बाद निलंबित कर दिया गया है. अधिकारियों का कहना है कि डीपीआरओ का चार्ज किसी अफसर को न मिल पाने के कारण कार्रवाई में देरी हुई.
ग्राम पंचायत सचिव व प्रधानों ने सीडीओ से की थी शिकायत
जनपद कानपुर देहात में अवैध उगाही से परेशान ग्राम पंचायत सचिव व प्रधानों ने फरवरी और मार्च में सीडीओ से शिकायत की थी. आरोप लगाया था कि डीपीआरओ शिवशंकर सिंह ग्राम पंचायतों का निरीक्षण, अभिलेखों की जांच के नाम पर ट्रांसपर, तैनाती, राज्य वित्त/14वें वित्त की कार्य योजना स्वीकृत करने के नाम पर अवैध वसूली करते हैं. इसमें उनका सहयोग सरवनखेड़ा ब्लाक के वीडीओ जितेंद्र सिंह, कार्यालय के वरिष्ठ सहायक राम सजीवन मौर्य व संबद्ध सफाई कर्मी यादवेंद्र सिंह करते हैं. धनराशि न देने पर कर्मियों के विरुद्ध चार्जशीट जारी कर विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी जाती है.
22 जुलाई को डीपीआरओ किए गए निलंबित
इस संबंध में सीडीओ ने उपायुक्त मनरेगा समेत तीन सदस्यों से जांच कराई थी. इसमें आरोपों की पुष्टि हुई थी. सीडीओ की संस्तुति पर डीएम ने कार्रवाई के लिए रिपोर्ट शासन को भेजी थी. 22 जुलाई को शासन से डीपीआरओ को निलंबित कर दिया गया था. ग्राम पंचायत अधिकारी जितेंद्र सिंह, वरिष्ठ सहायक रामसजीवन मौर्य व सफाईकर्मी यदुवेंद्र सिंह को निलंबित करने के निर्देश डीपीआरओ को दिए थे. चार्ज देने में देरी के कारण तीनों कर्मियों का निलंबन नहीं हो सका था.
मामले को लेकर प्रभारी डीपीआरओ दिनेश कुमार यादव ने बताया कि निदेशक पंचायती राज लखनऊ के निर्देश पर वसूली में संलिप्त रहे तीनों कर्मियों को 21 अगस्त को निलंबित कर दिया गया है. वीडीओ को रसूलाबाद ब्लाक में संबद्ध करते हुए एडीओ पंचायत अकबरपुर को जांच दी गई है. निलंबित वरिष्ठ सहायक को डीपीआरओ कार्यालय में संबद्ध करते हुए जांच अपर डीपीआरओ को और सफाईकर्मी को संदलपुर ब्लाक में संबद्ध करते हुए एडीओ पंचायत अकबरपुर को जांच दी गई है. जांच रिपोर्ट मिलने के बाद कार्रवाई की जाएगी.