कानपुर देहात:जिले के अकबरपुर कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत रनिया इलाके के निवासी महेश कुमार तिवारी और उनके भाई मुकेश तिवारी अपनी जमीन बचाने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं. दोनों भाइयों का कहना है अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है. अब यह दोनों भाइयों ने प्रशासन को चेतवानी दी है कि समस्या न सुलझी तो वो परिवार सहित जान दे देंगे. इस मामले में प्रशासन दोनों भाइयों की शिकायत पर जांच कराने की बात कह रहा है.
महेश कुमार तिवारी और उनका भाई मुकेश तिवारी. एसडीएम आनन्द कुमार सिंह ने बताया की लिखित शिकायत पत्र प्राप्त हुआ है. यह पूरी जमीन 7 बीघा थी, जो 2 भाइयों में से एक के परिवार ने बेची है. बाकी जो दूसरा परिवार है, उसके दो बेटों की जमीन पर कब्जे का मामला सामने आया है. जल्द मामले में जांच कर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी.
मयूर फैक्ट्री के पास है जमीन
इन दोनों भाइयों की कीमती जमीन रनिया इलाके में बनी औद्योगिक इकाई मयूर फैक्ट्री के पास में है. मयूर फैक्ट्री अपनी इकाई को बढ़ाते हुए आगे की जमीन भी खरीद चुकी है, जिसमें इन भाइयों के हिस्से की जमीन पर फैक्ट्री ने कब्जा कर लिया गया है.
पीड़ितों का आरोप है कि इस पूरे मामले में वह जिला अधिकारी राकेश कुमार सिंह के पास शिकायत दर्ज कराने गए थे, जहां कोई सुनवाई नहीं हुई. वहीं मामले में पुलिस ने यह कहकर टरका दिया कि जमीन संबंधी मामलों पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर सकती है, जिसके बाद हताश और निराश होकर दोनों भाई अपने पूरे परिवार के साथ जान देने की बात कह रहे हैं.
फैक्ट्री के खिलाफ किया जा रहा षड्यंत्र
फैक्ट्री के मैनेजर मो. अहमद ने कहा कि आरोप गलत है. जमीन कई वर्षों पूर्व खरीदी गई थी. निर्माण कार्य के लिए जैसे ही सामग्री डाली गई वैसे ही विवाद उत्पन्न हो गया और जमीन दो भाइयों के बीच की थी. बंटवारा में दांया और बांया पक्ष को लेकर विवाद था, जिस पर दोनों के बीच समझौता भी हुआ था.
मैनेजर ने बताया कि यहीं नहीं विवाद के दौरान फैक्ट्री के कुछ लोग घायल भी हुए थे. जिसे लेकर अकबरपुर कोतवाली में मामला भी दर्ज किया गया था. वहीं विवाद रजिस्टर्ड भूमि पर चल रहा है और ये फैक्ट्री के खिलाफ षड्यंत्र है.
जिलाधिकारी ने कहा कि शिकायत मिली है, इस पूरे मामले की जांच अकबरपुर SDM करेंगे. इस मामले में उद्योग इकाई के मैनेजर मोहम्मद अहमद ने बताया की आधी जमीन का सौदा पीड़ितों के 2 अन्य भाइयों द्वारा किया गया है. वहीं बाकी आधी जमीन खरीदने के लिए इनसे बात की जा रही है.