कानपुर देहात: बढ़ते प्रदूषण की रोकथाम के लिए सुप्रीम कोर्ट के सख्त रुख के बाद केन्द्र सरकार से लेकर प्रदेश की योगी सरकार ने कवायद शुरू कर दी है. इसी के चलते शनिवार को जनपद कानपुर देहात के जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र ने फसल अवशेष जलाने से रोकने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं. साथ ही जिलाधिकारी ने पराली के अलावा अन्य अवशेषों को जलाने से रोकने के लिए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. साथ ही अवशेषों के जलाने से फैलने वाले प्रदूषण और हानियों के प्रति किसानों को जागरूक करने का कार्य भी शुरू कर दिया गया है.
कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र की अध्यक्षता में किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया. किसान गोष्ठी में जिलाधिकारी ने किसानों से वार्ता की और उन्हें पराली और फसल अवशेष न जलाने के साथ-साथ जलाने से होने वाली हानियों की जानकारी दी. साथ ही किसानों की समस्याओं को भी सुना. किसान गोष्ठी में किसानों द्वारा बताई गई समस्याओं को सुनते हुए कृषि विभाग के अधिकारियों को उनके निराकरण के निर्देश भी दिए.
किसान गोष्ठी के बाद आयोजित प्रेस वार्ता में जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चन्द्र ने बताया कि फसल अवशेष जलाने से जहां एक ओर वायु प्रदूषण फैलने से मानव जीवन के लिए खतरा उत्पन्न हो रहा है, वहीं दूसरी ओर खेत को मिलने वाले पोषण अंश नष्ट हो जाते हैं. बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रीय हरित न्याधिकरण ने खेत में पराली और अन्य फसल अवशेष जलाने पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. साथ ही इसे दण्डनीय अपराध भी घोषित किया है. वहीं इसकी रोकथाम के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश भी दिए है.