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कानपुर देहात: डीएम की चेतावनी, पराली और कूड़ा जलाने पर होगी कार्रवाई

यूपी के कानपुर देहात के कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र की अध्यक्षता में किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया. किसान गोष्ठी में जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र ने किसानों से वार्ता की और उन्हें पराली और फसल अवशेष न जलाने के साथ-साथ जलाने से होने वाली हानियों की भी जानकारी दी.

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जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र ने दी पराली और कूड़ा जलाने पर कार्रवाई की चेतावनी.

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Published : Oct 10, 2020, 8:14 PM IST

कानपुर देहात: बढ़ते प्रदूषण की रोकथाम के लिए सुप्रीम कोर्ट के सख्त रुख के बाद केन्द्र सरकार से लेकर प्रदेश की योगी सरकार ने कवायद शुरू कर दी है. इसी के चलते शनिवार को जनपद कानपुर देहात के जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र ने फसल अवशेष जलाने से रोकने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं. साथ ही जिलाधिकारी ने पराली के अलावा अन्य अवशेषों को जलाने से रोकने के लिए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. साथ ही अवशेषों के जलाने से फैलने वाले प्रदूषण और हानियों के प्रति किसानों को जागरूक करने का कार्य भी शुरू कर दिया गया है.

कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र की अध्यक्षता में किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया. किसान गोष्ठी में जिलाधिकारी ने किसानों से वार्ता की और उन्हें पराली और फसल अवशेष न जलाने के साथ-साथ जलाने से होने वाली हानियों की जानकारी दी. साथ ही किसानों की समस्याओं को भी सुना. किसान गोष्ठी में किसानों द्वारा बताई गई समस्याओं को सुनते हुए कृषि विभाग के अधिकारियों को उनके निराकरण के निर्देश भी दिए.

किसान गोष्ठी के बाद आयोजित प्रेस वार्ता में जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चन्द्र ने बताया कि फसल अवशेष जलाने से जहां एक ओर वायु प्रदूषण फैलने से मानव जीवन के लिए खतरा उत्पन्न हो रहा है, वहीं दूसरी ओर खेत को मिलने वाले पोषण अंश नष्ट हो जाते हैं. बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रीय हरित न्याधिकरण ने खेत में पराली और अन्य फसल अवशेष जलाने पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. साथ ही इसे दण्डनीय अपराध भी घोषित किया है. वहीं इसकी रोकथाम के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश भी दिए है.

किसानों को किया जा रहा जागरूक

किसानों को जागरूक करने के लिए जनपद में किसान गोष्ठी का आयोजन भी किया जा रहा है. साथ ही लोगों को जागरूक करने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार भी कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रचार-प्रसार के माध्यम से किसानों को फसल अवशेष जलाने से होने वाले नुकसान के विषय में जानकारी दी जा रही है. साथ ही फसल अवशेष जलाने से रोकने के लिए प्रत्येक गांव की निगरानी की जा रही है. राजस्वकर्मियों के साथ सेटेलाइट के माध्यम से भी निगरानी रखी जा रही है. डीएम ने कहा कि फसल अवशेष जलाने वाले दोषी किसानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. वहीं जिलाधिकारी ने फसल अवशेष के अलावा किसी भी प्रकार के कूड़ा और अन्य अवशेष जलाने वाले लोगों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई किए जाने की बात कही है. साथ ही अधिकारियों पर भी जिम्मेदारी तय करने की बात कही.

किसान गोष्ठी में आए किसानों ने कृषि विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए खेती में आ रही परेशानी डीएम को बताई. किसानों की मानें तो सरकार कई योजनाओं के माध्यम से किसानों का हित करना चाहती है, लेकिन कृषि विभाग की कार्यशैली के चलते उसका लाभ किसानों को नहीं मिल पा रहा है. फसल बोने से लेकर फसल को बेचने तक किसानों को परेशानी ही उठानी पड़ रही है.

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