कानपुर देहात: जिले में 150 वर्ष पुराना राधा कृष्ण प्राचीन मंदिर है. मंदिर की दीवारों पर की गई नक्काशी प्राचीनकाल की कलाकृतियों की पहचान कराती हैं. स्थानीय लोगों के अनुसार जन्माष्टमी के पर्व पर मंदिर राधा कृष्ण की आकर्षक झांकी सजाई गई है. राधा कृष्ण का यह प्राचीन मंदिर जिले के रसूलाबाद क्षेत्र के कहिंजरी के भीखदेव बाजार में स्थित है. मंदिर का निर्माण सेठ राम नारायण उर्फ मनइया सेठ ने कराया था.
150 साल पुराना राधा कृष्ण मंदिर. स्थानीय लोगों ने बताया कि मंदिर में जन्माष्टमी के अवसर पर संगीत एवं लीला का विशेष आयोजन दशकों पहले से होता चला आ रहा है. लेकिन इस बार कोरोना के कारण मंदिर में जन्माष्टमी के अवसर पर श्रद्धालुओं के आने पर रोक लगा दी गई है. मौजूदा समय में मंदिर की देखरेख व पूजा-पाठ सुब्रत गुप्ता करते हैं.
जन्माष्टमी पर भजन कीर्तन के अलावा वामन द्वादशी को विशेष कार्यक्रम होता है, जिसमें भगवान वामन का डोला उठता है और राम तलैया में जाकर वे जल विहार करते हैं. यह कार्यक्रम तीन दिन चलता है. कार्यक्रम का समापन अनंत चतुर्दशी को होता है.
मंदिर के अंदर मोबाइल फोन ले जाना और फोटो खींचना प्रतिबंधित है. मनइया सेठ के वंशज अविनाश गुप्ता ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में मंदिर होने के कारण इसका ज्यादा प्रचार- प्रसार नहीं हो पाया है. हालांकि दूर दराज से श्रद्धालु यहां राधा कृष्ण के दर्शन के लिए आते हैं.
वहीं मंदिर पुजारी रामपाल शुक्ल ने बताया कि वह मंदिर में दस वर्षों से पूजा करा रहे हैं. उन्होंने बताया कि जन्माष्टमी के पर्व पर हर वर्ष मंदिर में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाता था लेकिन इस बार कोरोना के कारण बड़ा आयोजन नहीं किया गया.