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जानें, ब्रजेश हत्याकांड के पीछे क्या है रहस्य! - murder in kanpur dehat

उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात जिले में ब्रजेश नाम के एक व्यक्ति की उसके ही दोस्त ने हत्या कर दी. इस पूरे मामले में जब पुलिस ने जांच की तो पता चला कि उसके दोस्त ने ही अपहरण किया था. आरोपी ने पुलिस की पूछताछ में अपना जुर्म कुबुल किया है.

ब्रजेश हत्याकांड
ब्रजेश हत्याकांड

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Published : Jul 29, 2020, 7:10 AM IST

कानपुर देहात: जिले में एक व्यक्ति की हत्या के 12 दिन बाद उसका शव मिलने के बाद उसके ही दोस्त को गिरफ्तार किया गया है. बताया जा रहा है कि आरोपी नींद की गोली मिली हुई कोल्ड ड्रिंक्स पिलाने के बाद ब्रजेश को कार की पिछली सीट पर ले गया था. बेहोश होने की आशंका में सुबोध ने जब उसका गला रस्सी से कसा तो ब्रजेश ने सुबोध की अंगुली में काट लिया था. बाद में वह उसका गला घोंटने के बाद शव ठिकाने लगा दिया.

अगले दिन सुबह वह पुखरायां के एक निजी डॉक्टर के पास गया था. जहां उसने झगड़े में अंगुली में चोट आने की बात कहकर टिटनेस का इंजेक्शन लगवाया था. इसके बाद पुखरायां में ही 9:40 बजे ब्रजेश का बंद मोबाइल फोन खोला था. ब्रजेश के फोन पर उसके चचेरे भाई सर्वेश का फोन आया तो 20 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी और तत्काल फोन स्विच ऑफ कर दिया था.

पुलिस ने पैर में मारी गोली
एसपी अनुराग वत्स ने बताया कि सुबोध ने हत्या के बाद 20 लाख रुपये फिरौती मांगने की बात स्वीकार की है. एसपी के अनुसार आरोपी ने बताया है कि उसके पास दो ट्रक हैं और दोनों पर लोन है. लोन की अदायगी के लिए उसने हत्या बाद फिरौती मांगने की साजिश रची थी. वहीं सोमवार से हिरासत में चल रहे ब्रजेश के हत्यारोपी सुबोध को मंगलवार रात में पैर में गोली मारकर फिर गिरफ्तार किए जाने की बात सामने आते ही लोगों को बिकरू कांड के दौरान की पुलिस की स्क्रिप्ट याद आ गई.

ट्रक धर्मकांटा पर हुई दोस्ती
बिकरू कांड के बाद पुलिस ने विकास दुबे से लेकर उसके कई साथियों के एनकाउंटर किए थे. ज्यादातर में बदमाशों के पुलिस की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश पर गोली मारने की बात कही गई थी. धर्मकांटा मैनेजर की हत्या में पकड़े सुबोध के मामले में भी पुलिस की पिस्टल छीनकर भागने के दौरान पैर में गोली मारकर गिरफ्तार करने की बात दोहराई है. आरोपी ने बताया कि सुबोध के ट्रक धर्मकांटा पर आने से उनकी दोस्ती हो गई थी.

ट्रक की किस्त के लिए की हत्या
सुबोध ने दो ट्रक फाइनेंस पर लिए हैं, इसके पहले वह ट्रक चलाता था. उसके ट्रक अक्सर चौरा धर्मकांटा पर आते थे. ब्रजेश धर्मकांटा पर मैनेजर था. अक्सर मुलाकात के बाद दोनों के बीच दोस्ती हो गई थी. सुबोध बेहद शातिर दिमाग है. वह अक्सर फेसबुक मैसेंजर पर ही बात करता था. लॉकडाउन के कारण सुबोध के ट्रक दो माह खड़े रहे. कई किस्तें नहीं पहुंचीं तो कंपनी ने दबाव बनाया. इसके बाद लोन अदा करने के लिए उसने दोस्त की हत्या करके परिजनों से रकम वसूलने की योजना बनाकर घटना को अंजाम दे दिया.

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