कानपुर देहात: विकास दुबे के खजांची जय कांत वाजपेयी को कानपुर पुलिस ने आज कानपुर देहात कोर्ट में पेश किया. गेट नंबर दो से जय वाजपेयी को कोर्ट पहुंचाया गया, लेकिन इससे पहले जय वाजपेयी ने बयान दिया कि कई नेताओं, कैबिनेट मिनिस्टर के संबंध विकास दुबे के साथ थे. इसीलिए विकास दुबे का एनकाउंटर करवा दिया गया. इस बयान के सामने आने के बाद एक बार फिर सूबे की सरकार व उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े हो गए हैं.
जय वाजपेयी का बड़े नेताओं पर आरोप. जय वाजपेई से मीडिया ने कई सवाल किए. सभी सवालों के साथ बिंदुवार जवाब-
- क्या आरोपों को मानते हैं ?
पुलिस जबरन फंसा रही है. जो लोग ताकतवर हैं उन तक पुलिस पहुंच नहीं पा रही है. हमको मोहरा बनाया जा रहा है. मुझे गुरुवार को क्लीन चिट मिल चुकी थी, लेकिन ऊपर से बनाए जा रहे दबाव की वजह से मुझे पकड़ा गया है. पुलिस ने मेरी सारी डिटेल और फुटेज निकाल लिए हैं. इसके अलावा मेरी गाड़ियों की भी पुलिस ने फुटेज ली है. बस आधे घंटे के लिए गाड़ी इसलिए हटाए थे कि कहीं कोई हमसे मदद न मांगने आ जाए. - थाईलैंड और दुबई में संपत्ति पर क्या कहना है ?
थाईलैंड और दुबई में कोई संपत्ति नहीं है. होली पर बस घूमने जाते हैं. - क्या विकास दुबे के लिए ब्लैक मनी व्हाइट किए गए ?
मैंने किसी का पैसा ब्लैक से व्हाइट नहीं किया. मेरे ऊपर पहले ही 4-5 लोन हैं. उसकी डिटेल निकाल अधिकारी देख सकते हैं. - विकास के अकाउंट से लेनदेन की बात सामने आई है, उसपर क्या कहना है ?
मेरा कोई लेना देना नहीं, बस मैंने कुछ पैसे उधार दिए थे, जो मुझे वापस किए गए थे. - कई बड़े नेताओं का नाम सामने आ रहा है. इस पर क्या कहना है ?
सत्ताधारी, विपक्षी, जिले के बड़े नेता यहां तक कि कैबिनेट मंत्री भी इस मामले में मिले हुए हैं. सभी बड़े नेता विकास दुबे से मिले हुए थे. किसी का नाम नहीं लेना चाहते. कई सत्ताधारी नेता और विधायक विकास से मिले हुए थे. इसलिए उसको मार दिया गया. - चीफ सेक्रेटरी की बेटी की शादी में शामिल हुए थे, उस पर क्या कहना है ?
शादी में गए थे, लेकिन कोई लिंक नहीं है. - विकास दुबे से क्या था संबंध ?
विकास दुबे से लेनदेन और संपत्ति से जुड़ा कोई संबंध नहीं है. बस गांव के कारण आना-जाना था. सात महीने से मेरी रिवॉल्वर घर में लॉकर में रखी थी, जिसका प्रयोग नहीं हुआ है. वो भी पुलिस को सौंप दिए हैं. पुलिस ने हमको पकड़ा नहीं बल्की खुद पांच बार मैं पुलिस के पास गया. सिर्फ शिष्टाचार भेंट होती थी. - विदेश कितनी बार गए ?
पांच बार विदेश गए हैं. दो बार परिवार के साथ और दो बार अकेले गए. - करोड़ों की प्रॉपर्टी का क्या है खेल ?
20 साल पुरानी दुकान है. 11 साल पहले शादी हुई थी. 30 लाख का मकान है, जिसमें 25 लाख फाइनेंस कराए हैं और पांच लाख जमा किया गया है. पुलिस ने 12 दिन जबरन रखा था. करोड़ों के पेश किए जा रहे आंकड़े गलत हैं. - कितने मकान हैं ?
पांच भाइयों के नाम 5 मकान और पांच इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकाने हैं. 27 मकान होने की बात झूठ है.
बिकरू हत्याकांड मामले में गैंगस्टर विकास दुबे के खजांची जय वाजपेयी और प्रशान्त शुक्ला उर्फ डब्लू को पुलिस ने बिकरू गांव से गिरफ्तार कर लिया था. पुलिस ने विकास दुबे के करीबी जय वाजपेयी और प्रशान्त शुक्ला पर कई आपराधिक मामलों में मुकदमा दर्ज किया है. आरोप है कि जय और डब्लू बीती 2 जुलाई को घटना से पहले विकास के फोन करने पर बिकरू पहुंचे थे. उन्होंने विकास को दो लाख रुपये और 25 रिवॉल्वर के कारतूस देकर घटना कारित करने में मदद की थी. घटना के दो दिन बाद 4 जुलाई को जय, विकास और उसके गैंग को सुरक्षित स्थान पर भेजने के लिए अपनी तीन लक्जरी गाड़ियां भेज रहा था, लेकिन पुलिस की सक्रियता को देखते हुए काकादेव थाना क्षेत्र में गाड़ियों को लावारिस छोड़ दिया था.
जिले में आठ पुलिसकर्मियों के हत्यारे विकास दुबे के साथी रहे जय वाजपेयी पर ईडी और आयकर विभाग की जांच अभी भी चल रही है. विकास दुबे जैसे हार्डकोर क्रिमिनल की अकूत काली कमाई को इन्वेस्ट करने और करोड़ों की मनी-लॉन्ड्रिंग के आरोप उस पर लग चुके हैं. इसके बावजूद कानपुर पुलिस अपराधी विकास दुबे के इस फंड मैनेजर को बाइज्जत उसके घर छोड़ने आई. चर्चा है कि उसकी काली कमाई को खपाने में एक्सपर्ट हो चुके जय वाजपेई को पीछे से कोई पॉलिटिकल सपोर्ट मिल रहा है. कहा जा रहा है कि पुलिस ने उसको क्लीनचिट दे दी थी.
विकास दुबे के एंकाउंटर तक की सिलसिलेवार कहानी
- 2 जुलाई, 2020: कानपुर में विकास दुबे और उसके साथियों ने 8 पुलिसवालों की रात में घात लगाकर हत्या कर दी.
- 3 जुलाई, 2020: कानपुर के बिकरू गांव में हुए एनकाउंटर के कुछ घंटों बाद ही पुलिस ने विकास दुबे के चाचा प्रेम प्रकाश पांडे और अतुल दुबे का बिकरू गांव के पास शिवली जंगल में एनकाउंटर कर दिया. इस एनकाउंटर में डीएसपी रैंक का एक अधिकारी घायल भी हुआ था.
- 4 जुलाई, 2020: अधिकारियों ने बिकरू गांव में स्थित विकास दुबे के किलेनुमा घर को ध्वस्त कर दिया. साथ ही यूपी पुलिस ने विकास दुबे को पकड़ने के लिए 25 से अधिक टीमों का गठन किया.
- 6 जुलाई, 2020: गैंगस्टर विकास दुबे पर रखा गया इनाम बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये कर दिया गया. यूपी पुलिस ने पूरे प्रदेश की सीमाओं को सील कर दिया. ड्यूटी में ढिलाई बरतने के आरोप में दो सब-इंस्पेक्टर और एक कांस्टेबल को निलंबित कर दिया गया.
- 7 जुलाई, 2020: भगोड़े गैंगस्टर विकास दुबे को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के फरीदाबाद शहर में देखा गया था, लेकिन विकास दुबे हरियाणा पुलिस के शिकंजे से बच निकलने में कामयाब रहा.
- 8 जुलाई, 2020: उत्तर प्रदेश पुलिस के सब इंस्पेक्टर विनय तिवारी को निलंबित करने के साथ-साथ गिरफ्तार कर लिया गया. उसने एक मामले में गैंगस्टर विकास दुबे को संगीन धाराओं में नामजद करने के बजाय मारपीट करने का आरोपी बनाया गया था. उसी ने विकास दुबे को पुलिस दबिश के बारे में जानकारी दी थी. यूपी पुलिस ने भगोड़े गैंगस्टर विकास दुबे पर 2.5 लाख रुपये से बढ़ा कर 5 लाख रुपये का इनाम कर दिया. पुलिस द्वारा फरीदाबाद के एक होटल में छापा मारने के कुछ ही घंटे बाद विकास दुबे को देखा गया था. राज्य की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने हमीरपुर जिले में विकास दुबे के करीबी अमर दुबे को एक मुठभेड़ के दौरान ढेर कर दिया था. विकास दुबे के एक अन्य करीबी प्रभात मिश्रा को भी कानपुर के पास मुठभेड़ में मार गिराया.
- 9 जुलाई, 2020: यूपी पुलिस ने 9 जुलाई की सुबह गैंगस्टर विकास दुबे के एक और करीबी रणबीर को इटावा में एनकाउंटर के दौरान मार गिराया.
- 9 जुलाई, 2020 गैंगस्टर विकास दुबे को मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकाल मंदिर परिसर से गिरफ्तार कर लिया गया. एसटीएफ की टीम विकास दुबे को लेकर कानपुर के लिए रवाना हुई.
- 10 जुलाई, 2020: एसटीएफ का काफिला हाइवे से होते हुए कानपुर नगर की सीमा में दाखिल होता है. सुबह के 6 बजकर 32 मिनट पर हाइवे पर नाका लगाकर ट्रैफिक रोका जाता है. कुछ देर बाद विकास दुबे को खून से लथपथ हालत में कानपुर के हैलट अस्पताल में लाया जाता है. जहां कुछ देर बाद डॉक्टर उसे मृत घोषित कर देते हैं.