कानपुर देहात: इंसानों की तरह भगवान श्रीकृष्ण भी जेल में 18 वर्षों से कैद हैं. कई बार लोगों ने प्रयास किया, लेकिन कानूनी दांव-पेंच के चलते उनको मुक्त नहीं कराया जा सका. जनमाष्टमी के मौके पर हर साल पुलिसकर्मी उनका जन्मोत्सव धूमधाम से मनाते हैं. कोतवाल मालखाने से मूर्तियां निकालकर उन्हें स्नान कराते हैं और नए कपड़े पहनाकर विधि-विधान से पूजा करते हैं.
आखिर क्यों कैद हैं भगवान श्रीकृष्ण
जनपद कानपुर देहात में बिना कोई अपराध के स्वयं भगवान श्रीकृष्ण अपने परिवार समेत जेल में सजा काट रहे हैं. एक तरफ समूचे देश के लोग उनके जन्मदिवस की तैयारियों में जुटे हैं और खुशियां मना रहे हैं. वहीं मजबूर श्रीकृष्ण बड़े भाई बलराम, राधा और लड्डू गोपाल समेत शिवली कोतवाली के मालखाने में कैद हैं. 18 साल बीत गए, लेकिन अभी तक उन्हें रिहाई नसीब नहीं हुई है. दरअसल 18 वर्ष पूर्व जिले के शिवली कोतवाली क्षेत्र के प्रसिद्ध राधा-कृष्ण मंदिर से ये मूर्तियां चोरी हुई थीं. सप्ताह भर में चोर मूर्तियों सहित गिरफ्त में आ गए. कुछ समय बाद जमानत पर चोर तो रिहा हो गए, लेकिन द्वापर के महारथी श्रीकृष्ण कलियुग के कानूनी दांव पेंच में फंसकर रह गए, जो आज भी कोतवाली के मालखाने में कैद हैं. हालांकि प्रत्येक वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व आने पर कोतवाली का स्टाफ बड़ी धूमधाम से उनका जन्मदिन मनाता है. कोतवाल मालखाने से ये मूर्तियां निकालकर उन्हें स्नान कराते हैं और नए कपड़े पहनाकर विधि विधान से उनका जन्मोत्सव मनाते हैं.