कानपुर देहात: हमेशा से अपने कारनामों को लेकर बदनामी की सुर्खियों में रहने वाली यूपी पुलिस का मानवीय चेहरा सामने आया है. यूपी पुलिस का यह सराहनीय कार्य जनपद में चर्चा का विषय बना हुआ है. दरअसल, पति-पत्नी ने आपस में झगड़ा कर बच्चों को घर पर छोड़ दिया और खुद गायब हो गए. इसके बाद पुलिस ने मासूम बच्चों को तीन दिनों तक अपने पास रखा और उन्हें पाला-पोसा. अकबरपुर कोतवाल तुलसीराम पांडे ने बच्चों को नहलाने-धोने से लेकर खाना खिलाने और दूध पिलाने तक का जिम्मा खुद ले लिया. उनके इस कार्य की हर तरफ सराहना की जा रही है.
यूपी पुलिस ने बच्चों को मां-बाप से मिलवाया. अकबरपुर कोतवाली में थाना प्रभारी तुलसीराम पांडेय तीन दिन पहले शाम के समय गश्त पर निकले थे. उसी दौरान एक कमरे से बच्चों के रोने की आवाज सुनाई दी. उन्होंने देखा तो घर के बाहर ताला लगा हुआ था. मामले को गम्भीरता से लेते हुए वह उस घर के पास गए, जहां बच्चे रो रहे थे. कोतवाल ने ताला तोड़कर जब अन्दर देखा तो भूख प्यास से बच्चे बिलख रहे थे. बच्चों की यह हालत देखकर प्रभारी निरीक्षक के आंसू आ गये. उन्होंने तीनों बच्चों को अपने साथ रख लिया और उनके मां-बाप की तलाश शुरू कर दी.
तीन दिन तक पुलिस ने की बच्चों की सेवा. बच्चों ने बताया कि उनके मां-बाप में झगड़ा हुआ था और गुस्से में दोनों घर से चले गये. कमरे में बाहर से ताला लगा दिया था. इसके बाद पुलिस ने बच्चों के माता-पिता की खोज के साथ ही बच्चों की देखभाल की जिम्मेदारी भी खुद ही ली. तीन दिनों तक अकबरपुर कोतवाल तुलसीराम पांडे ने बच्चों को पाला-पोसा. इस दौरान प्रभारी निरीक्षक तुलसीराम पांडेय बच्चों को प्रतिदिन नहलाने के साथ कपड़े भी पहनाते थे. जबकि महिला सिपाहियों ने उनके साथ खेलकूद और पढ़ाने का कार्य शुरू कर दिया. इस दौरान शनिवार देर शाम को बच्चों का पिता थाने पहुंचा और बच्चों को अपने साथ रखने की बात कही. इसके बाद कोतवाल ने बच्चों को पिता को सुपुर्द कर दिया. पुलिस के इस मानवीय चहरे की लोगों ने जमकर तारीफ की.
अकबरपुर कोतवाल द्वारा बहुत ही सराहनीय कार्य किया गया है. इससे पहले भी वह कई बार इस तरह के सराहनीय कार्य कर चुके हैं. तुलसीराम अक्सर ड्यूटी के साथ-साथ स्कूल जाकर बच्चों को पढ़ाते हैं और उनका हौसला बढ़ाते हैं, जो कि दूसरों के लिये एक नजीर है. ऐसे पुलिसकर्मी ही लोगों के प्रति पुलिस का हौसला बढ़ाते हैं, मुझे गर्व है.
-संदीप सिंह, सीओ