कानपुर देहात: उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ अपनी 8 सूत्रीय मांगों को लेकर जिला मुख्यालय कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर अनिश्चितकालीन धरने पर है. लेखपाल संघ ने कहा कि वे मांगें पूरी नहीं होने तक धरने पर बैठे रहेंगे. शनिवार को जिला प्रशासन ने 72 लेखपालों को निलंबित कर दिया है.
ग्रेड पे में नहीं की जा रही बढ़ोत्तरी
लेखपालों का कहना है कि उन्हें सेवा संबंधी कार्य के लिए मानदेय कम दिया जाता है. ग्रेड 2000 से सेवा शुरू होती है और 10 साल में 2400 ग्रेड पर पहुंचती है. दूसरे विभागों में 10 साल बाद प्रमोशन हो जाता है. वहीं लेखपाल 10 साल बाद चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी बन जाता है.
कम पैसे में लिया जाता है ज्यादा काम
लेखपालों ने कहा कि सरकार उन्हें महीने में 100 रुपये वाहन भत्ता देती है और हर रोज कम से कम 100 किलोमीटर वाहन चलते हैं. उनसे कम पैसे में अधिक काम लिया जाता है. उनका कहना है कि मध्य प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के पैसों में बढ़ोत्तरी करके लेखपालों को पैसे दे रही है. ऐसा ही यूपी में योगी सरकार भी करे. साथ ही लेखपालों का कहना है कि किराया भत्ता और वेतन विसंगति दूर की जाए .
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72 लेखपालों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है. इसमें तहसील इकाई से लेकर जिला इकाई तक के पदाधिकारी शामिल हैं. जब तक कोई निर्णय नहीं हो जाता, धरना चलता रहेगा.
-गणेश शंकर, जिला मंत्री, उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ