कानपुर देहात : 12 दिसंबर को यूपी के जनपद कानपुर देहात में रनियां थाने में संदिग्ध हालात में बलवंत की मौत हो गई थी. इस मौत के बाद बलवंत के परिजनों ने पुलिस पर बर्बरता से पीटने का आरोप लगाया था. मंगलवार को जारी बलवंत की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में पूरे शरीर में 31 गंभीर चोटों के निशान मिले हैं (31 serious injuries found on the body). जबकि कुल चोटों की संख्या 40 से भी ज्यादा है. बाकी आठ से दस छोटी-छोटी चोटे हैं, जिन्हें पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मे मेंशन नहीं किया गया है. हालांकि उसमें मौत की वजह की पुष्टि नहीं हुई है. उसके बिसरा को सुरक्षित रखा गया है. बलवंत सिंह के चाचा अंगत सिंह का कहना है कि आज तक उन्हें पुलिस विभाग की तरफ से पोस्टमार्टम रिपोर्ट उपलब्ध नहीं कराई है. पुलिस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बारे में बयान नहीं दे रही है. ADG भानु भाष्कर का कहना है कि SIT इस केस में साक्ष्य एकत्रित कर रही है. साक्ष्यों के आधार पर आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्यवाही की जा रही है.
हालांकि पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टरों के मुताबिक, उसके हाथ, पैर, पीठ, गदेली और पैर के तलवों पर चोट के निशान मिले हैं. इस पिटाई के बाद जगह-जगह से उसकी शरीर की नसें फट गई और शरीर में कई जगह ब्लड क्लॉट हो गया. इस वजह से वह कोमा में चला गया, बाद में मल्टी आर्गन फेल्योर की वजह से उसकी मौत हाे गई. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक, बलवंत के जांघ और छाती पर भी गंभीर चोट के निशान मिले हैं. साथ ही कलाई की मसल्स बुरी तरह से डैमेज पाई गई हैं. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में बलवंत के सिर में भी चोट के निशान मिले हैं. सिर की कोई हड्डी नहीं टूटी है और न ही ब्लीडिंग के निशान हैं. बाएं हाथ की हथेली पर भी गंभीर रूप से चोट के निशान हैं. साथ ही, हथेली से लेकर कुहनी तक पर चोट ही चोट हैं. हालांकि पूरे शरीर में कहीं भी फ्रैक्चर नहीं पाया गया है. डॉक्टरों के अनुमान के मुताबिक, हर चोट पर बीस से ज्यादा बार लाठियां बरसाई गई थीं.
बता दें कि 12 दिसंबर को पुलिस कस्टडी में मारे गए बलवंत के परिजनों के विरोध के बाद पुलिस ने दावा किया था कि उसके सीने में दर्द की शिकायत थी, जिसके बाद उसे हॉस्पिटल ले जाया गया था. मगर पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मिले चोट के निशान पुलिस के दावों को नकार रहे हैं. बलवंत हत्याकांड में अब तक पांच आरोपियों की गिरफ्तारी पुलिस कर चुकी है, जिसमें मुख्य आरोपी तत्कालीन शिवली थाना प्रभारी राजेश सिंह, एसओजी प्रभारी प्रशांत गौतम, मुख्य आरक्षी एसओजी, सोनू यादव, मुख्य आरक्षी एसओजी दुर्वेश कुमार, मुख्य आरक्षी एसओजी अनूप कुमार को गिरफ्तार किया जा चुका है.अभी इस मामले में चार आरोपियों की तलाश जारी है. मैथा चौकी इंचार्ज ज्ञान प्रकाश, एसआई शिवली, संपत सिंह, हेड कॉन्स्टेबल विनोद कुमार और एसओजी आरक्षी जय कुमार अभी फरार हैं.