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अकबरपुर रनिया विधानसभा सीट: सपा-बसपा के गढ़ में 2017 में पहली बार बीजेपी ने मारी थी बाजी

कानपुर जिले को दो भागों में बांटकर कानपुर देहात नया जिला बनाया गया. कानपुर देहात में ग्रामीण क्षेत्रों के अलावा कुछ शहरी क्षेत्र को भी जोड़ा गया है. इसका मुख्यालय अकबरपुर में है. आइए जानते हैं कि अकबरपुर रनिया विधानसभा सीट क्यों खास है. देखिए अकबरपुर रनिया विधानसभा सीट की डेमोग्राफिक रिपोर्ट...

डेमोग्राफिक रिपोर्ट
डेमोग्राफिक रिपोर्ट

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Published : Sep 20, 2021, 9:03 AM IST

Updated : Sep 20, 2021, 2:09 PM IST

कानपुर देहात:कानपुर देहात उत्तर प्रदेश का एक जिला है. इसका मुख्यालय माती (अकबरपुर) में है. कानपुर जिले को दो भागों कानपुर नगर और कानपुर देहात में विभाजित कर दिया गया था. 1976 में कानपुर देहात अस्तित्व में आया, लेकिन एक साल बाद ही इसे पुनः 12 जुलाई 1977 को कानपुर नगर में जोड़ दिया गया था. इसके बाद 25 अप्रैल 1981 को एक बार फिर कानपुर देहात को कानपुर नगर से विभक्त कर दिया गया. उस समय अकबरपुर रनिया विधानसभा क्षेत्र नहीं, बल्कि सरवनखेड़ा विधानसभा क्षेत्र हुआ करता था. कुछ वर्ष बाद सरवनखेड़ा विधानसभा क्षेत्र को समाप्त कर दिया गया.

कानपुर देहात की रनिया विधानसभा क्षेत्र की 2001 की जनगणना के अनुसार कुल जनसंख्या 15 लाख 63 हजार 336 है. इसमें ग्रामीण आबादी 14,55,569 और शहरी आबादी 1,07,767 है. यहां की साक्षरता दर 64 प्रतिशत है. जब से कानपुर देहात जिला और अकबरपुर रनिया विधानसभा क्षेत्र अस्तित्व में आया तब से लेकर 2017 तक सिर्फ सपा और बसपा का ही कब्जा चला आ रहा था. अकबरपुर रनिया विधानसभा सीट से पहली बार 2017 के चुनाव में बीजेपी ने बाजी मारी थी और समाजवादी पार्टी दूसरे नंबर पर रही थी.

अकबरपुर रनिया विधानसभा सीट डेमोग्राफिक रिपोर्ट

अकबरपुर रनिया विधानसभा सीट की जनसंख्या

अकबरपुर रनिया विधानसभा सीट की संख्या 206 है. इस विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 2 लाख 87 हजार 578 है. इसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 1 लाख 58 हजार 615 है, जबकि महिला मतदाओं की संख्या 1 लाख 28 हजार 931 है. इसमें थर्डजेंडर की संख्या 32 है. वहीं निर्वाचन आयोग द्वारा 2021 में अकबरपुर रनिया विधानसभा क्षेत्र में जारी लिस्ट के अनुसार मतदाताओं की कुल संख्या 313591 है. इसमें से पुरुष मतदाताओं की संख्या 168459 और महिला मतदाताओं की संख्या 145099 है. थर्डजेंडर मतदाताओं की संख्या 33 है.

अकबरपुर रनिया विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक दलित हैं, दूसरे नंबर पर मुस्लिम और तीसरे पर ओबीसी हैं. वहीं, ब्राह्मण वोटरों की बात की जाए तो उनकी गिनती चौथे नंबर पर की जा जाती है. निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाओं को लेकर सर्वे और मतदाता बनवाने का कार्य तेजी से चल रहा है. इसका अंतिम प्रकाशन 5 जनवरी 2022 को किया जाएगा. इससे पता चल पाएगा कि अकबरपुर रनिया विधानसभा क्षेत्र में कुल कितने मतदाता है.

राधा कृष्णा मंदिर.

अकबरपुर रनिया विधानसभा सीट पर एक नजर

विधानसभासीट के अस्तित्व में आने के बाद से अब तक सिर्फ एक बार विधानसभा चुनाव हुआ है. इसमें समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को जीत मिली थी. 2012 विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी से रामस्वरूप सिंह गौर ने बीएसपी प्रत्याशी प्रतिभा शुक्ला को हराया था. कांग्रेस के प्रत्याशी मथुरा प्रसाद पाल तीसरे स्थान पर रहे थे, जबकि बीजेपी के रवि शंकर चौथे स्थान पर रहे थे. रामस्वरूप सिंह गौर को 69148 वोट मिले थे. इनका वोटिंग प्रतिशत 37.12 था. वहीं, प्रतिभा शुक्ला को 67905 वोट मिले थे, जिनका वोटिंग प्रतिशत 36.46 था. स्वर्गीय मथुरा प्रसाद पाल को 21887 वोट मिले थे, जिनका वोटिंग प्रतिशत 11.75 था. रवि शंकर को 19610 वोट मिले थे, इनका वोटिंग प्रतिशत 10.53 था.

2017 विधानसभा चुनाव में मोदी की सुनामी ने पूरे प्रदेश को भगवामय बना दिया. जिले की अकबरपुर रनिया विधानसभा क्षेत्र में अपनों की नाराजगी सपा से चुनाव लड़ रहे नाती नीरज सिंह को भारी पड़ी. पिछले तीन चुनाव में बसपा और सपा से रामस्वरूप सिंह गौर तीन बार विधायक रह चुके हैं, जिनका क्षेत्र में जनाधार था, लेकिन मोदी मैजिक के सामने एवं बसपा छोड़ भाजपा का दामन थाम मैदान में आईं प्रतिभा शुक्ला के सामने सपा को हार का मुंह देखना पड़ा था. दूसरी तरफ सपा से पुराना नाता रखने वाले दीपू चौहान ढाबा मालिक की नाराजगी के बाद चुनाव मैदान में उतरना एवं पूर्व सपा की ब्लॉक प्रमुख विजयलक्ष्मी यादव का ताल ठोकना भी सपा प्रत्याशी को महंगा पड़ गया. इसके बाद इस सीट से कमल खिलने में ज्यादा समय नही लगा. सपा के गढ़ में भाजपा ने धमाकेदार जीत दर्ज की.

बीजेपी नेता प्रतिभा शुक्ला.

बसपा से लड़ रहे सतीश शुक्ला 2017 के विधानसभा चुनाव में तीसरे स्थान पर रहे, लेकिन 2017 के विधानसभा चुनाव में अकबरपुर रनिया विधानसभा सीट से प्रतिभा शुक्ला ने मोदी लहर के चलते 87438 वोट पाकर 28737 मतों से सपा के नीरज सिंह गौर को हरा दिया. नीरज सिंह को महज 58701 वोट ही मिले थे. 2012 में विधानसभा चुनाव हारने के बाद प्रतिभा शुक्ला शांत नहीं बैठी थीं. वे निरंतर जनता के संपर्क में रहीं थीं. क्षेत्र की जनता के हर सुख-दुख में वे भागीदारी बनती रहीं थीं. छोटे-बड़े सभी कार्यक्रमों में वे लोगों के बीच साथ खड़ी दिखतीं थी. इस बीच 2017 विधानसभा चुनाव के एक वर्ष पूर्व प्रतिभा शुक्ला व उनके पति एवं पूर्व सांसद अनिल शुक्ल वारसी बसपा छोड़कर भजपा में आ गए.

नीरज सिंह गौर.

भाजपा ने प्रतिभा शुक्ला को अकबरपुर रनिया विधानसभा सीट से टिकट दे दिया. इसके मोदी लहर और उनकी तैयारी ने 2017 में पहली बार अकबरपुर रनिया विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी को जीत दर्ज कराई, जबकि बसपा प्रत्याशी सतीश शुक्ला 45618 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे.

Last Updated : Sep 20, 2021, 2:09 PM IST

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