उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

कानपुर देहात : सचिवों से अवैध वसूली में फंसे डीपीआरओ समेत 4 कर्मी निलंबित

कानपुर देहात में गुरुवार देर शाम सचिवों से अवैध वसूली में फंसे डीपीआरओ समेत चार कर्मी निलंबित किये गए हैं. जिसके बाद जनपद के विकास भवन में सभी कर्मचारियों में हड़कंम मचा हुआ है.

मामले की जांच करते अधिकारी
मामले की जांच करते अधिकारी

By

Published : Jul 24, 2020, 6:10 PM IST

कानपुर देहात : जनपद कानपुर देहात में रिपोर्ट दर्ज कराने की धमकी देकर पंचायत व सचिवों से अवैध वसूली समेत अन्य आरोपों में डीपीआरओ, प्रभारी एडीओ पंचायत, वरिष्ठ सहायक व एक सफाई कर्मी को शासन ने निलंबित कर दिया है. सभी के खिलाफ मामले की जांच के आदेश सीडीओ जोगिंदर सिंह को दी गई है.

ग्राम पंचायत सचिव व प्रधानों ने फरवरी और मार्च माह में सीडीओ से शिकायत की थी. आरोप था कि डीपीआरओ शिवशंकर सिंह ग्राम पंचायतों का निरीक्षण, अभिलेखों की जांच के नाम पर ट्रांसफर, तैनाती, राज्य वित्त की कार्य योजना स्वीकृत करने के नाम पर अवैध वसूली करते हैं. इसमें उनका सरवनखेड़ा ब्लाक के प्रभारी एडीओ पंचायत व वीडीओ जितेंद्र सिंह, कार्यालय के वरिष्ठ सहायक राम सजीवन मौर्य व संबद्ध सफाई कर्मी यादवेंद्र सिंह सहयोग करते हैं.

धनराशि न देने पर कर्मियों के खिलाफ चार्जशीट जारी कर विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी जाती है. कई बार रिपोर्ट दर्ज कराने और निलंबन की धमकी देकर प्रताड़ित भी किया जाता है. इन सभी शिकयतों के बाद सीडीओ ने उपायुक्त मनरेगा समेत तीन सदस्यों की टीम गठित कर जांच सौंपी थी.

जांच में स्वीकारी रुपये लेने की बात

जांच के दौरान ग्राम पंचायत अधिकारी मधुलता ने 20 हजार रुपये व भगवानदीन ने 15 हजार रुपये देना स्वीकार किया है. डीपीआरओ और उनके अधीनस्थों द्वारा अवैध उगाही की पुष्टि होने की जांच रिपोर्ट मिलने पर सीडीओ ने कार्रवाई की संस्तुति डीएम से की थी. जिसपर डीएम राकेश कुमार सिंह ने डीपीआरओ समेत अन्य कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने का पत्र दो मार्च को शासन में भेजा था. इस पर अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की ओर से डीपीआरओ शिवशंकर सिंह, प्रभारी एडीओ जितेंद्र सिंह, वरिष्ठ सहायक राम सजीवन मौर्य व सफाई कर्मी यदुवेंद्र सिंह का निलंबन पत्र जारी किया गया है.

आवास पर चलता था वसूली का खेल

सीडीओ ने बताया कि सरवनखेड़ा ब्लाक की सफाई कर्मी सुनीता देवी ने 12 फरवरी को उनके सामने उपस्थित होकर बताया था कि डीपीआरओ ने अपनी झूठी प्रशंसा का पत्र सेवा से बर्खास्त करने की धमकी देकर लिखवाया था. सफाई कर्मी के बयानों का शपथ पत्र व वीडियो रिकार्डिंग भी कराई गई थी. ग्राम पंचायत अधिकारी भगवानदीन ने जांच कमेटी को बताया था कि डीपीआरओ की मांग पर उन्होंने 15 हजार रुपये उनके आवास पर दिए थे. इसमें उनके अधीनस्थ प्रभारी एडीओ पंचायत, कार्यालय के वरिष्ठ सहायक व सफाई कर्मी भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे.

ABOUT THE AUTHOR

...view details